(www.arya-tv.com) एमडीयू रोहतक के इमसार विभाग के प्रथम वर्ष में पढ़ने वाले छात्र की इनसो ज्वॉइन करवाने के नाम पर रैगिंग करने का मामला सामने आया है। आरोप है कि चौथे व पांचवें वर्ष के विद्यार्थियों द्वारा छात्रों ने पीड़ित छात्र की कनपटी पर पिस्तौल तानी व उसके कपड़े उतरवाकर उसे नाचने के लिए मजबूर किया।
इनकार करने पर रॉड व लाठी डंडों से पीट-पीट कर घायल कर दिया। उसने पुलिस को मामले की शिकायत दी। लेकिन पीड़ित का आरोप है कि पुलिस ने आरोपियों के दबाव में केस दर्ज नहीं किया। अब घटना के चार महीने बाद कोर्ट के आदेश पर पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली है।
पुलिस को दी शिकायत में चुलियाना निवासी 26 वर्षीय रविंद्र ने बताया कि वह एमडीयू में इमसार विभाग में प्रथम वर्ष का छात्र है। उसी के विभाग के चौथे व पांचवें वर्ष में पढ़ने वाले छात्र केतन, रोहित, शिवम, साहिल दूहन, नितेश व उनके कुछ बाहरी दोस्त काफी समय से परेशान कर रहे थे। उक्त आरोपी रैगिंग के नाम पर उसके साथ बुरा बर्ताव करते हुए उससे मारपीट व गाली-गलौज करते थे।
रविंद्र ने आरोप लगाया कि उक्त आरोपियों ने उस पर इनसो में शामिल होने का दबाव बनाया। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर उनकी ये बात नहीं मानी तो उसे इसी तरह का बर्ताव झेलना होगा। आरोप है कि 28 अगस्त की रात करीब 9 बजे रविंद्र हॉस्टल में अपने कमरे की बालकनी में खड़ा था। इसी दौरान रोहित, साहिल दूहन पिस्तौल के साथ वहां पहुंचे। उन्होंने उस पर पिस्तौल तान दी और उसे घसीटते हुए नीचे लाए।
इस दौरान रविंद्र ने पुलिस कंट्रोल रूम 100 नंबर पर फोन करने की कोशिश की, लेकिन आरोपियों ने उस पर लाठी-डंडों से हमला कर दिया। इस बीच युवकों को कैंपस में एक पीसीआर आती देखी तो वे अपने हथियार छोड़कर भाग निकले। पुलिस ने पिस्तौल, चाकू सहित टूटा हुआ मोबाइल बरामद किया। इसके बाद पुलिस ने उसे पीजीआई के ट्रामा सेंटर में दाखिल कराया। पुलिस ने एक कोरे कागज पर उसके हस्ताक्षर भी करवा लिए।
पुलिस पर भी लगा मामला दबाने का आरोप
रविंद्र के मुताबिक, उसने अपना इलाज एक निजी अस्पताल सहित झज्जर के ट्रामा सेंटर में 30 अगस्त से 5 सितंबर तक करवाया। इस दौरान पुलिस ने आरोपियों से सांठ – गांठ कर उसी के खिलाफ आर्म्स एक्ट सहित अन्य धाराओं में केस दर्ज कर लिया, लेकिन उसकी शिकायत पर कार्रवाई नहीं की। रविंद्र ने इस बारे में एक शिकायत एसपी कार्यालय में 25 नवंबर को दी। कई बार थाने में शिकायत दी, लेकिन पुलिस ने एक बार भी न तो रविंद्र को और न ही आरोपियों को शामिल तफ्तीश किया।
पुलिस पर लगाए गए सभी आरोप निराधार हैं। शिकायतकर्ता रविंद्र पर 29 अगस्त को नितेश की शिकायत पर मारपीट करने सहित आर्म्स एक्ट के तहत केस दर्ज है। इस आरोप में वह जेल भी जा चुका है।
21 दिसंबर को जेएमआईसी रोहतक की कोर्ट से रविंद्र की शिकायत पर केस दर्ज करने के आदेश जारी हुए। जिन आदेशों पर विभिन्न धाराओं पर केस दर्ज कर मामले की गहनता से जांच शुरू कर दी गई है। जांच में जो भी दोषी होगा, उस पर कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। शिकायतकर्ता एक आपराधिक किस्म का व्यक्ति है। जिस पर पहले भी केस दर्ज है। इस तरह संगठन का नाम लेकर बदनाम करने पर उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करवाई जाएगी