उत्तर प्रदेश के बिजनौर में नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन

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(www.arya-tv.com)  उत्तर प्रदेश के बिजनौर में नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान हिंसा भड़कने के बाद कुछ प्रदर्शनकारियों की गोली लगने से मौत हो गई। इस हिंसा में मारे गाए लोगों के परिजन कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने मुलाकात की। प्रियंका गांधी ने सुलेमान के परिवार से मुलाकात की। सुलेमान की नागरिकता कानून के खिलाफ हो रहे विरोध प्रदर्शन के हिंसक होने के बाद मौत हो गई थी।

बिजनौर जिले के नहटौर में पहुंची प्रियंका गांधी ने कहा कि नागरिकता के अधिकार का किसी को सबूत मांगने का अधिकार नही है। यह कानून गरीबों के खिलाफ है। ये कानून महंगाई से, बेरोजगारी से, ध्यान भटकाने के लिए लाया गया हैं।

पीड़ित के परिवार से मुलाकात करती प्रियंका गांधी

प्रियंका गांधी ने कहा कि यहां बवाल की सूचना मिली थी कि नहटौर में दो लोगों की हत्या कर दी है। इसके बाद परिवार से मिलने आई हूं। परिवार के लोगों से मुलाकात करके सांत्वना दी। यहां जो भी हुआ है, उसकी विस्तृत रिपोर्ट जांच होनी चाहिए। प्रियंका गांधी ने मृतक सलमान और अनस के अलावा घायल ओमराज के परिजनों से भी मुलाकात की।

नागरिकता कानून के खिलाफ विपक्ष सत्तारूढ़ नरेंद्र मोदी सरकार पर हमलावर है। विपक्ष का आरोप है कि यह कानून भारतीय संविधान की मूल आत्मा के खिलाफ है। यह कानून धार्मिक आधार पर नागरिकों में भेदभाव करता है।

कांग्रेस ने इसे मुस्लिमों के लिए खतरा बताया है। वहीं भारतीय जनता पार्टी(बीजेपी) सरकार का कहना है कि विपक्ष लोगों में नागरिकता को लेकर भ्रम फैला रहा है, यह कानून लोगों को नागिरकता देने के लिए बना है, न कि किसी की नागरिकता छीनने के लिए बनी है।

दरअसल नागरिकता कानून के खिलाफ देशभर में उग्र विरोध प्रदर्शन के मामले सामने आ रहे हैं। उत्तर प्रदेश के बिजनौर में कई जगह हिंसक प्रदर्शन हुए जिसमें कुछ प्रदर्शनकारियों की मौत हो गई थी, वहीं कुछ पुलिसकर्मीं भी घायल हो गये।

उत्तर प्रदेश में नागरिकता संशोधन कानून (CAA) 2019 के विरोध में लोग सड़कों पर उतर आए। प्रदर्शनकारियों ने उत्तर प्रदेश में कई जगहों पर हिंसा को अंजाम दिया।

जिसके बाद अब पुलिस प्रदर्शनकारियों की धर-पकड़ में जुट गई है। इस बीच मुजफ्फरनगर में 80 दुकानों को पुलिस ने सीज कर दिया है। एसएसपी का कहना है कि दुकान मालिकों को नोटिस भेजा जा चुका है और नुकसान की भरपाई के लिए कहा जा चुका हैं।

विरोध प्रदर्शन के दौरान उपजी हिंसा के बारे में डीजीपी ओपी सिंह ने कहा कि 282 पुलिस अधिकारी झड़प में जख्मी हुए हैं। अब तक 15 लोगों की मौत हुई है। उन्होंने आम लोगों से अपील की कि वे प्रदेश में शांति व्यवस्था कायम करने में पुलिस की मदद करें। और

कई जिलों में इंटरनेट सेवा बंद है। हालात का जायजा लेने के लिए डीजीपी खुद लखनऊ की सड़कों पर नजर रख रहें।