यूपी के मिर्जापुर निवासी मधुरिमा तिवारी को राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार 2025 से सम्मानित किया जाएगा. वह पीएम श्री कम्पोजिट रानी कर्णावती विद्यालय की प्रभारी प्रधानाध्यापिका हैं और अपने असाधारण प्रयासों से एक खंडहर स्कूल को जनपद का पहला मॉडल स्कूल बनाया. इस प्रतिष्ठित पुरस्कार के लिए देशभर से 45 शिक्षकों का चयन हुआ है, जिसमें मधुरिमा तिवारी और भदोही के राम लाल यादव भी शामिल हैं. दोनों विंध्याचल मंडल से ताल्लुक रखते हैं.
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के अवसर पर नई दिल्ली में इन शिक्षकों को सम्मानित करेंगी.
खंडहर से मॉडल स्कूल तक की यात्रा
मधुरिमा तिवारी ने 2017 में रानी कर्णावती विद्यालय का चार्ज संभाला, जो उस समय पूरी तरह जर्जर हालत में था. चारों ओर अराजक तत्वों का वर्चस्व और कब्जा था, जिससे पठन-पाठन संभव नहीं था. कॉन्वेंट स्कूलों से घिरे इस स्कूल की बदहाली पर आंसू बह रहे थे. मधुरिमा ने मेहनत और समुदाय के सहयोग से इसे नई पहचान दी. उन्होंने सामाजिक संस्थाओं, जनप्रतिनिधियों, और विभागीय सहायता से स्कूल को संवारा. 2016 से वह दो अतिरिक्त घंटे देकर कमजोर छात्राओं को पढ़ाती हैं, साथ ही सिलाई-कढ़ाई, कंप्यूटर, और आधुनिक शिक्षा के लिए बच्चों को प्रेरित करती हैं.
आधुनिक सुविधाओं से लैस स्कूल
आज यह विद्यालय कॉन्वेंट स्कूलों को मात देने वाला स्वच्छ और सुसज्जित संस्थान बन गया है. मधुरिमा ने आरोग्य वाटिका, इको-फ्रेंडली कक्षाएं, सुंदर बगीचे, और हरियाली से भरपूर माहौल तैयार किया. स्कूल में टाइल्स युक्त कक्षाएं, इनवर्टर, पंखे, कूलर, टेलीविजन, प्रोजेक्टर, और स्मार्ट क्लास जैसी सुविधाएं उपलब्ध हैं. लर्निंग बाय डूइंग और आईसीटी के जरिए बच्चों को व्यावहारिक शिक्षा दी जाती है. 2019 में जनपद का पहला स्मार्ट क्लास यहीं शुरू हुआ. विद्यालय सरकार की सभी योजनाओं से लाभान्वित है, और बच्चे खेलकूद, सांस्कृतिक कार्यक्रमों में नाम रोशन कर रहे हैं.
उपलब्धियां और पुरस्कार
मधुरिमा के प्रयासों से विद्यालय को मानव संसाधन मंत्रालय का स्वच्छ विद्यालय पुरस्कार और पीएम श्री स्कूल का दर्जा मिला. 2022-23 में मुख्यमंत्री ने उन्हें सर्वश्रेष्ठ राज्य पुरस्कार से सम्मानित किया. 2017 में स्कूल में 56 बच्चे थे, जो अब 218 हो गए. सात शिक्षकों की जरूरत वाले इस स्कूल को मधुरिमा ने दो शिक्षकों और एक शिक्षा मित्र के सहारे संभाला.
मधुरिमा की कहानी
मधुरिमा तिवारी (2009 भर्ती) कहती हैं कि 2017 में स्कूल अराजकता का केंद्र था. मेहनत से इसे मॉडल स्कूल बनाया. 2023 में राज्य पुरस्कार और अब राष्ट्रीय सम्मान मेरे समर्पण का फल है.