सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने बीसीसीआई के कानून में संशोधन वाले मामले को उपयुक्त पीठ के समक्ष सुनावाई के लिए सहमति दे दी। जनवरी 2020 में आवेदनों पर सुनवाई की जाएगी। मुख्य न्यायाधीश एस. ए. बोबडे के नेतृत्व में एक पीठ के सामने सोलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने इस मामले की सुनवाई के लिए अनुरोध किया था, उनके अनुरोध को मुख्य न्यायाधीश ने स्वीकार कर लिया।
बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली ने न्यायमूर्ति आर.एम. लोढ़ा द्वारा पेश किए गए कुछ प्रशासनिक सुधारों को रद्द करने की अनुमति के लिए शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाने का फैसला किया है। अब इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई जनवरी को होगी।
बीसीसीआई के नए अध्यक्ष सौरव गांगुली को अपना कार्यकाल 2024 तक बढ़ने के लिए अगले साल तक इंतजार करना होगा। एक दिसंबर को हुई एजीएम में बीसीसीआई के पदाधिकारियों के कार्यकाल की सीमा में ढिलाई देने को मंजूरी दी गई थी।
राज्य और बोर्ड में कूलिंग ऑफ पीरियड को अलग-अलग किया गया था। जिसके अनुसार किसी भी पदाधिकारी के तीन साल के दो कार्यकाल पूरे होने के बाद तीन साल की अनिवार्य कूलिंग ऑफ पीरियड को समाप्त कर दिया जाए। बीसीसीआई लोढ़ा समिति की कुछ प्रमुख सिफारिशों को वापस करवाना चाहता है, लेकिन इसके लिए बोर्ड को सुप्रीम कोर्ट की अनुमति की जरूरत है।