फारूक अब्दुल्ला या कोई और… किसे राज्यसभा भेजेंगे उमर अब्दुल्ला?

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जम्मू कश्मीर की सत्तारूढ़ पार्टी नेशनल कांफ्रेंस (NC) की ओर से इस बार राज्यसभा कौन जाने वाला है, इस बात पर चर्चा तेज है. पार्टी अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला का नाम भी रेस में है और साथ ही चौधरी मुहम्मद रमजान को भी राज्यसभा भेजा जा सकता है.

सूत्रों की मानें तो एनसी ने अपने अध्यक्ष डॉ. फारूक अब्दुल्ला और पूर्व मंत्री चौधरी मुहम्मद रमजान को राज्यसभा भेजने का फैसला कर लिया है. इतना ही नहीं, एक संभावित तीसरी राज्यसभा सीट के तौर पर सहयोगी दल कांग्रेस के किसी नेता राज्यसभा भेजे जाने की तैयारी हो रही है, जिसे एनसी-कांग्रेस गठबंधन हथियाने की कोशिश में है.

कांग्रेस से मतभेद हुआ तो बैकअप में तीसरा नाम
हालांकि, उमर अब्दुल्ला ने एक और प्लान बैकअप में रखा है. अगर कांग्रेस के साथ किसी भी मतभेद की स्थिति बनती है तो पार्टी कोषाध्यक्ष और सीएम उमर अब्दुल्ला के करीबी शम्मी ओबेरॉय को भी तीसरी संभावित सीट से राज्यसभा भेजा जा सकता है. इसपर नेशनल कांफ्रेंस गंभीरता से विचार कर रही है.

सीएम अब्दुल्ला की कैबिनेट में नहीं शामिल कांग्रेस?
एक सवाल यह भी उठता है कि जब कांग्रेस ने जम्मू-कश्मीर में सरकार बनाने के लिए नेशनल कांफ्रेंस का सहयोग किया तो फि कैबिनेट में शामिल क्यों नहीं हुई? इसपर कांग्रेस की ओर से जवाब भी आया है. पार्टी का कहना है कि जब तक केंद्र सरकार जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा नहीं देगी, उसके नेता कैबिनेट में शामिल नहीं होंगे. इसके बावजूद, कांग्रेस उमर अब्दुल्ला सरकार को बाहर से समर्थन देती रहेगी.

अब दूसरी नजर से देखा जाए तो कांग्रेस का कैबिनेट से बाहर रहना फायदेमंद भी साबित हो सकता है. कांग्रेस अगर कैबिनेट से दूर रहती है तो नेशनल कांफ्रेंस का केंद्र सरकार से सकारात्मक रिश्ता बने रहने की उम्मीद है.

जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य के दर्जा दिलाने में जुटी कांग्रेस
हाल ही में कांग्रेस ने दिल्ली के जंतर-मंतर पर प्रदर्शन किया और यह मांग रखी कि जम्मू-कश्मीर को जल्द ‘पूर्ण राज्य’ का दर्जा लौटाया जाए. कांग्रेस का कहना है कि जम्मू में आज ये हालात हैं कि खुद मुख्यमंत्री को पुलिस रोक देती है और विकास के काम की फाइल पर राज्यपाल मुहर नहीं लगाते. ऐसे में जनता के लिए काम करना सरकार के लिए मुश्किल हो जाता है.

हालांकि, कांग्रेस के इस प्रदर्शन से उमर अब्दुल्ला खासा खुश नहीं दिखे. उनका कहना था कि अगर कांग्रेस की ओर से उन्हें इस प्रदर्शन की जानकारी दी जाती, तो वे खुद इसका समर्थन करते.