दहेज हत्या मामले में जेल में बंद है मां, अब मासूम बच्चियों को स्कूल भेज रहा है जेल प्रशासन

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रहने का ठिकाना जेल में और शिक्षा दीक्षा का कार्य शहर में चलने वाले विद्यालय में. जी हां यह कहानी गाजीपुर के जिला जेल में बंद उन दो मासूमों की है जिसकी मां दहेज हत्या के मामले में जेल में बंद है और 6 साल से कम उम्र होने के कारण वह अपनी मां के साथ जेल में बंद थी लेकिन जेल नियमों के अनुसार ऐसी बच्चों के शिक्षा की जिम्मेदारी जेल प्रशासन की होती है. जिसके चलते आज जेल प्रशासन ने दोनों बच्चियों का एडमिशन शहर के एक विद्यालय में कराया जहां आज से प्रतिदिन बच्चियों को जेल से तैयार होकर प्रतिदिन विद्यालय जाएंगे और फिर पढ़ाई समाप्त करने के बाद पुनः जेल में आकर रहेंगी.

माता-पिता के द्वारा किए गए क्राइम की घटनाओं का खामी आज उनके मासूम बच्चे भी भुगतते हैं और ऐसा ही कुछ गाजीपुर के जिला जेल में भी देखने को मिल रहा है. जहां पर विभिन्न अपराधों में बंद महिला बंदियों के साथ कुल पांच बच्चे जिनकी उम्र 6 साल के नीचे है उनकी मां के साथ रखा गया है और ऐसे बच्चों के लिए शासन का निर्देश है कि उन्हें शिक्षा से जोड़ा जाए. इसके तहत जिला जेल में रहने वाली अतिरिक्षा एवं प्रीति पुत्री पंकज गोड़ को आज शहर के ही संचालित विद्यालय सरस्वती विद्या मंदिर में जेल प्रशासन के द्वारा एडमिशन कराया गया. जिसके बाद आज दोनों बच्चियों को जेल की महिला कांस्टेबल के साथ उन्हें विद्यालय भेजा गया विद्यालय भेजने के दौरान जेल अधीक्षक के साथ ही तमाम जेल कर्मी भी मौजूद रहे और इस दौरान दोनों बच्चियों के चेहरे पर स्कूल जाने की खुशी देखने को मिल रही थी.

जेल अधीक्षक जगदंबिका प्रसाद दुबे ने बताया कि गाजीपुर कारागार में दहेज हत्या के मामले में बंद महिला बंदी की दो बेटियां अतिरिक्षा एवं प्रीति जिनकी उम्र 3 वर्ष से 6 साल के बीच में आ रही थी और ऐसे बच्चियों के लिए जेल मैनुअल 2022 के अनुसार और बाल कल्याण समिति के सुझाव पर आज दोनों बच्चियों का एडमिशन विद्यालय में जेल प्रशासन के द्वारा कराया गया और उन्हें आज पहला दिन विद्यालय भेजा गया और विद्यालय भेजे जाने के दौरान दोनों बच्चियों के चेहरे पर काफी खुशी देखने को मिल रही थी.