भारत को मंदिरों का देश कहा जाता है। जहां पर अलग-अलग स्थानों पर कई चमत्कारी और रहस्यमयी मंदिर है। ऐसे ही कुछ प्रसिद्ध रहस्यमय मंदिरों की जानकारी जिसे जानकर आप हैरान रह जाएंगे।
शनि शिंगणापुर
– देश का सबसे प्रसिद्ध शनि मंदिर, शिंगणापुर में है। यह मंदिर महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले में स्थित है।
– यह एक मात्र ऐसा मंदिर है जहां पर किसी भी प्रकार की कोई छत, गुंबद या मूर्ति नहीं है। यहां पर शनिदेव की पाषाण प्रतिमा खुले आसमान के नीचे एक संगमरमर के चबूतरे पर विराजित है।
– मान्यता है इस जगह की रक्षा स्वयं शनि महाराज करते हैं। शहर के घरों में खिड़की, दरवाजे और तिजोरी नहीं हैं। कहा जाता है कि जो भी चोरी करता है उसे शनि महाराज सजा स्वयं दे देते हैं।
सोमनाथ मंदिर
– सोमनाथ मंदिर गुजरात के सौराष्ट्र में स्थित है। यह मंदिर सभी 12 ज्योतिर्लिंगों में पहला है। इस मंदिर का निर्माण स्वयं चन्द्रदेव ने किया था।
– इस मंदिर को अब तक आक्रमणकारियों द्वारा 17 बार नष्ट किया जा चुका है लेकिन हर बार इसको दोबारा बनाया गया।
– इसी स्थान पर भगवान श्रीकृष्ण ने अपना देह त्यागा था।
– प्राचीनकाल में यहां पर स्थित शिवलिंग हवा में झूलता था, लेकिन आक्रमणकारियों ने इसे तोड़ दिया।
कामाख्या मंदिर :
– असम के गुवाहाटी में स्थित मां भगवती का यह मंदिर तांत्रिक क्रियाओं के लिए सबसे प्रसिद्ध है।
– कामाख्या मंदिर 51 शक्तिपीठों में से सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है।
– साल में एक बार अम्बूवाची पर्व के दौरान मां भगवती रजस्वला होती हैं और निरंतर 3 दिनों तक जल-प्रवाह के स्थान से रक्त प्रवाहित होता है।
कैलाश मानसरोवर
– मान्यता है कि कैलाश मानसरोवर में भगवान साक्षात विराजमान रहते हैं।
– ऐसा कहा जाता है कि यह वही स्थान है जहां पर पूरी धरती की केंद्र है।
– कैलाश पर्वत की 4 दिशाओं से 4 नदियों का उद्गम हुआ है।
– यहां की यात्रा सभी तीर्थयात्राओं में सबसे कठिन मानी जाती है।
ज्वाला मंदिर
– ज्वालादेवी का मंदिर 51 शक्तिपीठों में से एक है। यहां माता की जीभ गिरी थी।
– वर्षों से यहां स्थित देवी के मुख से अग्नि निकल रही है।
– इस मंदिर में अलग अग्नि की अलग-अलग 9 लपटें हैं, जो अलग-अलग देवियों को समर्पित हैं।
कन्याकुमारी मंदिर
– इस मंदिर में देवी पार्वती के कन्या रूप की पूजा होती है।
– इस मंदिर में देवी के दर्शन के लिए पुरुषों को कमर से ऊपर के वस्त्र उतारने पड़ते हैं।
– मान्यता के मुताबिक देवी का विवाह संपन्न न हो पाने के कारण बच गए दाल-चावल बाद में कंकर बन गए। जो आज भी देखे जा सकते हैं।
करणी माता का मंदिर
– माता का यह अनोखा मंदिर बीकानेर (राजस्थान) में स्थित है।
– यह विश्व की एकमात्र जगह है, जहां चूहे बड़ी आजादी के साथ सरपट दौड़ लगाते हैं और उन्हें कोई नुकसान नहीं पहुंचाता।
– करणी माता के इस मंदिर में टहलते चूहे ही माता के प्रसाद का भोग लगाते हैं।
– माता के सेवक के रूप में पूजे जाने वाले इन चूहों को लोग काबा कहकर पुकारते हैं।
– माता को चढ़ने वाले प्रसाद पर भी पहला अधिकार काबों यानी चूहों का होता है।
– कहा जाता है कि एक चूहा भी आपके पैर के ऊपर से होकर गुजर गया तो आप पर देवी की कृपा हो गई समझो और यदि आपने सफेद चूहा देख लिया तो आपकी मनोकामना पूरी होती है।
उज्जैन का काल भैरव मंदिर
– इस मंदिर में काल भैरव को प्रसाद के रूप में शराब चढ़ाई जाती है।
– यही शराब यहां प्रसाद के रूप में भी बांटी जाती है।
– इस मंदिर के बाहर हर समय शराब उपलब्ध रहती है।