वक्फ संशोधन बिल आज पार्लियामेंट में पेश हो जायेगा. लेकिन उससे पहले इसका विरोध शुरू हो गया है. जमीयत उलेमा ए हिन्द ने ऐलान किया है कि जो दल कल संसद में बिल का समर्थन करेंगे हम चुनावों में उनका विरोध करेंगे. यह बिल मुसलमानों के खिलाफ है. जमीयत उलेमा ए हिन्द यूपी के कानूनी सलाहकार मौलाना काब राशिदी ने कहा कि जमीयत उलेमा ए हिन्द ने वक्फ बिल के विरोध में दिल्ली कर्नाटक और बिहार में बड़ी रैलियां की हैं.
कानूनी सलाहकार ने कहा कि टीडीपी, लोक जनशक्ति पार्टी या जेडीयू हो ये पार्टियां मुसलमानों से वोट लेती हैं. लेकिन भाजपा सरकार के समर्थन में इस बिल के साथ है तो आने वाले चुनाव में मुसलमान भी इन्हें जवाब दे देंगे. जमीयत इनका विरोध करेगी क्योंकि वक्फ बिल हमारे धर्म के अंदर हस्तक्षेप है और ये पार्टियां इसके साथ खड़ी हैं. मुसलमान किसी राजनितिक दल का बंधुआ मजदूर नहीं है जो इनको वोट करता रहेगा.
क्या बोले मौलाना
मौलाना काब राशिदी ने कहा कि ये पार्टियां मुसलमानों की भावनाओं के खिलाफ काम कर रही हैं. इसलिए हमने इनकी रोजा इफ्तार पार्टियों का भी विरोध किया है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सड़क पर नमाज को लेकर दिए गये बयान को उन्होंने भेदभाव करने वाला बताया और उत्तराखंड में धामी सरकार के गांवों के नाम बदलने और मुगलों की निशानियां खत्म करने पर कहा कि फिर तो देश में मुगलों की बनाई हुई जितनी भी इमारतें हैं उन्हें खत्म कर दें.उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को प्रधानमंत्री के लिए पत्र लिखना चाहिए कि देश में मुगलों की बनाई सभी इमारतें गिरा दें. ये सब मुद्दों से ध्यान हटाने के लिए हो रहा है. बता दें कि वक्फ संसोधन बिल संसद में बुधवार को पेश किया जाएगा. इस बिल का विरोध विपक्ष के लगभग सभी दल कर रहे हैं. जबकि एनडीए में बीजेपी के सहयोगी दल इसके समर्थन में खड़े हैं.