अब किसी भी जमीन को लेकर नहीं होगा विवाद, भूमि सर्वे के बीच नीतीश सरकार बड़ा प्लान

National

बिहार में भूमि सर्वे का काम जारी है. इस बीच नीतीश सरकार ने एक बड़ा प्लान तैयार किया है. अब किसी भी जमीन मालिक को उन्हें अपनी जमीन की पहचान करने और प्लॉट नंबर की जानकारी लेने में आसानी होगी. राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग नए सिरे से जमीन का अधिकार अभिलेख तैयार कर रहा है.

कैसे जुटाई जाएगी जानकारी?

इसमें रैयत का नाम, खाता, खेसरा और रकबा का डेटा लिया जाएगा. इसके अलावा, हवाई एजेंसी द्वारा खेसरा नंबर सहित विशेष सर्वे नक्शा एवं ऑनलाइन पंजी-2 से जमाबंदी संख्या और जमाबंदीदार का नाम लिया जाएगा. अमीन गांव में घूमकर वर्तमान दखलकार का नाम, खतियानी रैयत से जमाबंदी रैयत का संबंध, जमाबंदीदार से वर्तमान दखलकार का संबंध और भूमि पर दखल का आधार जैसी जानकारी जुटाएंगे.

खेसरा से संबंधित जानकारी होगी उपलब्ध

बताया गया कि भूखंडों के स्वामित्व संबंधी विवरणी तैयार करने के लिए प्रपत्र-5 में भरे गए आंकड़े, हवाई एजेंसी द्वारा उपलब्ध कराए गए विशेष सर्वेक्षण मैप, ऑनलाइन जमाबंदी पंजी और अमीन द्वारा इकट्ठा की गई भौतिक विवरणी का इस्तेमाल किया जाएगा. विवरणी कुल 14 कॉलम की होगी, जिसमें हरेक खेसरा से संबंधित सारी जानकारी उपलब्ध होगी.

सुनवाई में समय की होगी बचत

विभाग के अनुसार, इन जानकारियों का इस्तेमाल अमीन याददाश्त पंजी तैयार करने और खेसरा पंजी भरने में करेंगे. इससे गलती की संभावना कम हो जाएगी, किस्तवार और खानापुरी में समय कम लगेगा और सुनवाई में समय की बचत होगी.

मोबाइल में मिलेगी सारी जानकारी

जमीन की मालिकाना हक संबंधी विवरण तैयार करने में तकनीक का अधिकाधिक इस्तेमाल किया जाएगा. सारी जानकारी अमीन को उसके मोबाइल में मिल जाएगी. उसके आधार पर उसे यह पता रहेगा कि पूर्व के सर्वे में जमीन किसके नाम थी, रकवा क्या था, जमीन कितने टुकड़ों में विभक्त हुई है, पहले और मौजूदा समय में भूमि की वर्तमान स्थिति क्या है. आईटी विभाग इसे अंतिम रूप दे रहा है.

निर्देश के बाद तैयार हो रहा डेटाबेस

राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने 17 जनवरी को आयोजित बंदोबस्त पदाधिकारियों की बैठक में इससे संबंधित निर्देश दिए थे. इस निर्देश के बाद यह उपयोगी डेटाबेस तैयार किया जा रहा है.