कार्तिक आर्यन बॉलीवुड में तेजी से अपने कदम बढ़ा रहे हैं । उन्होंने एक के बाद एक कई हिट फिल्में दी हैं। कार्तिक ने अपने करियर की शुरुआत फिल्म ‘प्यार का पंचनामा’ से की थी । लेकिन कार्तिक को बड़ा ब्रेक फिल्म ‘सोनू के टीटू की स्वीटी’ के बाद मिला ।
कार्तिक ने अपना सफर अकेले ही तय किया। उनका ये सफर आसान नहीं था। इस बात का खुलासा कार्तिक ने सोशल मीडिया ब्लॉग ‘ह्यूमन्स ऑफ बॉम्बे’ में किया है । इस ब्लॉग में कार्तिक आर्यन ने बताया कि कई बार उन्हें स्टूडियो के बाहर से ही बिना ऑडिशन दिये भेज दिया जाता था ।
कार्तिक आर्यन ने जो पोस्ट शेयर की है उसमें लिखा गया है, ‘मेरा जन्म ग्वालियर में हुआ था । माता-पिता मेडिकल फील्ड में थे और मैं इंजीनियरिंग करने जा रहा था । लेकिन नौंवी कक्षा में, मैंने बाजीगर देखी और मैं जानता था कि मैं स्क्रीन के दूसरी तरफ रहना चाहता हूं ।’
‘मुझे अपने माता-पिता के रिएक्शन के बारे में नहीं मालूम था, इसलिए मैंने तय किया कि मैं 12वीं तक ग्वालियर में पढ़ूंगा और कॉलेज के लिए मुंबई जाऊंगा । किस्मत से मुझे नवी मुंबई में कॉलेज मिल गया और मैंने वहां होस्टल में रहना शुरू कर दिया । मेरे पास एक्टिंग लाइन से जुड़े कोई कॉन्टेक्ट्स नहीं थे, इसलिए मैं फेसबुक पर ‘एक्टर नीडेड’ कीवर्ड्कस टाइप करता था ।’
‘मैं ऑडिशन के लिए हफ्ते में तीन-चार दिन करीब 6 घंटे के लिए सफर करता था । उस समय मैं स्टूडियो के बाहर से ही रिजेक्ट हो जाता था । इसके बाद भी मुझे आशा थी । जल्द ही मुझे कुछ सैकेंड्स के ऐड मिलने लगे । उस मौके पर मैंने 12 लोगों के साथ अंधेरी में फ्लैट लिया । मेरे पास सीमित पैसे होते थे, इनसे मैं अपना फोटोशूट भी नहीं करवा सकता था । इसलिए मैं एजेंट्स को ग्रुप फोटो में से अपनी तस्वीर क्रॉप करके भेजता था ।’
‘कई बार मैंने इन ऑडिशन के लिए अपना कॉलेज भी बंक किया और मेरे माता पिता को इस बारे में कुछ नहीं पता था । एक बार मैंने फिल्म ऑडिशन का विज्ञापन देखा और वहां जाने के बारे में सोचा । ऑडिशन में मैं उन्हें पसंद आया और उन्होंने कई बार मेरा ऑडिशन लिया । जब मुझे रोल मिला तो मैंने अपनी मां के पास कॉल की, उन्हें इन सब पर बिल्कुल भी विश्वास नहीं हुआ ।