(www.arya-tv.com) जनसत्ता दल लोकतांत्रिक अध्यक्ष और कुंडा से विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ़ राजा भैया और समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के नजदीकियां एक बार फिर से बढ़ रही हैं. इसकी चर्चा उत्तर प्रदेश के सियासी गलियारों में उस वक्त जोर पकड़ने लगी जब राजा भैया ने सपा नेता इंद्रजीत सरोज को माफ़ करते हुए उनके खिलाफ दर्ज मानहानि के मुकदमे को वापस ले लिया। यूपी की सियासत में इसे एक अहम कदम माना जा रहा है.
कुंडा विधायक राजा भैया ने सोमवार को प्रतापगढ़ एमपी-एमएलए कोर्ट पहुंच कर जज के सामने अपने द्वारा दायर मुकदमे को वापस लेने की बात कही. राजा भैया ने 2019 में सपा नेता इंद्रजीत सिंह के खिलाफ कोर्ट में मानहानि का मुकदमा दर्ज कराया था. 2019 लोकसभा चुनाव के दौरान राजा भैया पर सपा नेता इंद्रजीत सिंह सरोज ने अमर्यादित टिप्पणी की थी, जिसके बाद यह मुकदमा दर्ज कराया गया था.
सपा नेता पर राजा भैया इतने मेहरबान क्यों?
दरअसल, 2024 के लोकसभा चुनाव सपा नेता इंद्रजीत सरोज के बेटे पुष्पेंद्र सरोज की राजा भैया की पार्टी से नजदीकी बढ़ी थी. ऐसे में राजा भैया के इस कदम को लेकर चर्चाओं का बाजार अब गर्म हो गया है. चर्चा हो रही है कि आखिर सपा नेता पर राजा भैया इतने मेहरबान क्यों हो गए हैं, जबकि 2024 लोकसभा के पहले राजनीतिक रूप से दोनों नेता प्रतिद्वंदी के तौर पर देखे जा रहे थे.
लोकसभा चुनाव के बाद से बढ़ी नजदीकियां
बता दें कि सूबे की सियासत में रघुराज प्रताप उर्फ राजा भैया की एक राजनीतिक धमक है. लेकिन राज्य सभा चुनाव में मतदान के दौरान राजा भैया का बीजेपी को समर्थन करने के बाद से अखिलेश यादव और राजा भैया के बीच दूरियां बढ़ गई थी. लेकिन अब चर्चा है कि 2024 लोकसभा चुनाव से लगातार सपा से उनकी नजदीकी बढ़ रही है. सपा के प्रति राजा भैया का सॉफ्ट कॉर्नर है, इसलिए वह सपा के नेता पर दरियादिली दिखा रहे है.
जनसत्ता दल कार्यकर्ताओं ने पुष्पेंद्र सरोज के पक्ष में किया था प्रचार
एक समय कुंडा विधायक रघुराज प्रताप और सपा नेता इंद्रजीत सरोज के बीच राजनीतिक प्रतिद्वंदता थी, लेकिन राजनीति ने ऐसी करवट ली कि 2024 लोकसभा चुनाव में दोनों दिग्गज नेता एक दूसरे पर मेहरबान हो गए. 2024 लोकसभा चुनाव में इंद्रजीत सरोज के बेटे पुष्पेंद्र सरोज राजा भैया से मुलाकात कर उनके आवास पर समर्थन मांगा था. जिसके बाद से जनसत्ता दल के कार्यकर्ताओं ने पुष्पेंद्र सरोज के पक्ष में चुनावी प्रचार करते हुए लोकसभा चुनाव में उनकी जीत में अहम भूमिका निभाई थी. उसी समय राजा भैया ने सपा नेता पर दर्ज कराए मुकदमे को वापस लेने का ऐलान किया था, लेकिन अब राजा भैया ने कोर्ट में दायर याचिका वापस ले लिया है. जिसके बाद एक बार फिर से सपा और राजा भैया को लेकर राजनीतिक सुगबुगाहट तेज हो गई है.