भारत की वो नदी, जिसमें नहीं कर सकते छठ पूजा, सरकार ने लगा रखा है बैन, क्या जानते हैं आप

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(www.arya-tv.com)  भारत में छठ को महापर्व का दर्जा दिया गया है. चार दिन चलने वाले इस महापर्व की तैयारी दिवाली के बाद से ही शुरू हो जाती है. नहाय-खाय से शुरू होने वाला ये महापर्व सुबह के अर्घ के साथ समाप्त होता है. दुनिया में छठ की महिमा के कारण कई देशों में अब इस महापर्व को करते हुए आपको लोग दिख जायेंगे

छठ में लोग नदी, तालाब और डैम में खड़े होकर डूबते और उगते सूरज को अर्घ देते हैं. ये एकमात्र ऐसा त्योहार है, जिसमें ढलते सूरज की अराधना की जाती है. छठ व्रती पानी में खड़ी होकर पहले ढलते सूरज को अर्घ देती हैं और इसके बाद अगली सुबह उगते सूरज को अर्घ देकर इसका समापन किया जाता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारत में एक ऐसी नदी है, जिसमें छठ मनाने की मनाही है. क्या आप उसका नाम जानते हैं?

नहीं कर सकते छठ
यमुनोत्री से निकले वाली यमुना नदी जब दिल्ली आती है, उसके बाद इसमें छठ नहीं कर सकते. दिल्ली सरकार ने कई कारणों से यमुना नदी में छठ करने पर पाबंदी लगा रखी है. नदी के किनारे बनाए कृत्रिम घाटों पर छठ व्रती अर्घ दे सकते हैं लेकिन पानी के अंदर जाने पर मनाही है. इसके पीछे कई वजह है. दरअसल, यमुना नदी में कई जगह दलदल है. ऐसे में छठ के दौरान कोई हादसा ना हो जाए, इस वजह से नदी में छठ करने पर बैन लगाया गया है.

प्रदूषण भी एक वजह
यमुना में छठ करने पर प्रतिबंध लगाने की एक वजह प्रदूषण भी है. दरअसल, कई कारखानों से वेस्ट सीधे यमुना में गिरता है. इस वजह से इसके पानी में सफ़ेद झाग देखने को मिलती है. इस पानी की वजह से लोगों को स्किन की समस्या हो सकती है. यही कारण है कि यमुना के पानी में छठ करने पर पाबंदी लगा दी गई है. हालांकि, कई संस्थान इस पाबंदी को लगातार हटाने की मांग कर रहे हैं.