(www.arya-tv.com) बहराइच पुलिस की कमान आईपीएस अधिकारी वृंदा शुक्ला के हाथों में है. वह वर्तमान में बहराइच की पुलिस अधीक्षक (Bahraich SP) हैं. दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के दौरान हुए बवाल के बाद एसपी वृंदा शुक्ला को खुद सड़कों पर दंगाइयों से मोर्चा लेते हुए देखा गया, जिसके बाद वह सुर्खियों में हैं. आइए जानते हैं कि वृंदा शुक्ला ने कहां से पढ़ाई की और कब आईपीएस बनीं?
वृंदा शुक्ला मूल रूप से हरियाणा की रहने वाली हैं. उनका जन्म 13 मार्च 1989 को हरियाणा के पंचकूला में हुआ था. उनकी शुरुआती पढ़ाई-लिखाई पंचकूला में ही हुई. इसके बाद हायर एजुकेशन के लिए वह महाराष्ट्र के पुणे चली गईं, जहां उन्होंने महिंद्रा यूनाइटेड वर्ल्ड कॉलेज ऑफ इंडिया से ग्रेजुएशन किया. यूपी पुलिस की वेबसाइट पर दी गई जानकारी के मुताबिक वृंदा शुक्ला ने इकोनॉमिक्स, इंटरनेशनल स्टडीज, और फ्रेंच लिटरेचर की पढ़ाई की है. कई मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, ग्रेजुएशन के बाद वृंदा शुक्ला ने लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स एंड सोशल साइंस से आगे की पढ़ाई की और अमेरिका में एक निजी कंपनी में काम करने लगीं, लेकिन उनका मन प्राइवेट नौकरी में नहीं लगा, जिसके बाद उन्होंने सिविल सर्विसेज में जाने का मन बनाया, लिहाजा उन्होंने संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी.
दूसरे प्रयास में मिल गई सफलता
वृंदा शुक्ला ने जब पहली बार UPSC की परीक्षा दी तो उन्हें सफलता नहीं मिली, लेकिन दूसरे प्रयास में उन्होंने न केवल UPSC की परीक्षा पास कर ली, बल्कि उन्हें आईपीएस कैडर भी मिल गया. इस तरह वर्ष 2014 में वह आईपीएस बन गईं. उन्होंने 22 दिसंबर 2014 को पुलिस की नौकरी ज्वाइन की. शुरुआत में उन्हें नागालैंड कैडर का आईपीएस बनाया गया था, लेकिन वर्ष 2022 में वह यूपी कैडर की आईपीएस हो गईं. यूपी पुलिस की वेबसाइट के मुताबिक वृंदा शुक्ला का आईपीएस पद के लिए कन्फर्मेशन 22 दिसंबर 2018 को हुआ, वहीं सीनियर स्केल 1 जनवरी 2018 को मिला.
जब मुख्तार अंसारी की बहू को किया अरेस्ट
पिछले साल 2023 में वृंदा शुक्ला तब चर्चा में आई थीं, जब उन्होंने कुख्यात अपराधी मुख्तार अंसारी की बहू को गिरफ्तार किया था. उन दिनों वृंदा शुक्ला चित्रकूट की एसपी हुआ करती थीं. दरअसल, वहां की जेल में मुख्तार अंसारी का बेटा अब्बास अंसारी बंद था. इस दौरान उसकी पत्नी निखत रोजाना उससे मिलने जेल आती थी और 4 से 5 घंटे वहीं बिताती थी. यही नहीं, आवक-जावक रजिस्टर में निखत की कोई एंट्री भी नहीं होती थी और बिना अनुमति वह मोबाइल भी साथ रखती थी. इसकी सूचना मिलने पर एसपी वृंदा शुक्ला और जिलाधिकारी अभिषेक आनंद ने प्राइवेट वाहन से पहुंचकर जेल का औचक निरीक्षण किया. इस दौरान उन्होंने निखत और उसके ड्राइवर को गिरफ्तार कर लिया था, जिसके बाद वह काफी चर्चा में रही थीं. अब बहराइच हिंसा के कारण वह फिर से सुर्खियों में हैं.