अब भूसे से तैयार होगा एथेनॉल, इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस को भी कर सकेंगे चार्ज, इस यूनिवर्सिटी में हुआ है शोध

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(www.arya-tv.com) खेतों से निकलने वाले भूसे का इस्तेमाल अभी तक सिर्फ जानवरों के चारे के लिए इस्तेमाल किया जाता रहा है. लेकिन, अब फसलों का वेस्ट रेसिड्यू यानी भूसा से एथनॉल तैयार होगा. जी हां, कानपुर के छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय के प्रो. राकेश शर्मा ने खास विधि से भूसे से एथनॉल तैयार किया है. जिस प्रक्रिया से यह एथनॉल तैयार किया जा रहा है, उस दौरान बायो एनर्जी भी निकलता है. इसका इस्तेमाल डिवाइसेज को चार्ज करने में भी किया जा सकेगा. वहीं इस प्रक्रिया के बाद जो भूसा अंत में वेस्ट मटेरियल की तरह निकलता है वह भी जानवरों के लिए बेहद पोषण युक्त होगा और उसको जानवरों को खाने के लिए दिया जा सकेगा.

इस वजह से खास है यह शोध

छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय के लाइफ साइंस विभाग के फैकल्टी डॉ. राकेश शर्मा ने बताया कि यूं तो देश में कई बार भूसे से एथनॉल तैयार किया गया है. लेकिन, कानपुर विश्वविद्यालय में जो शोध कार्य किया गया है, इसमें खास यह है कि एथनॉलका प्रतिशत वह बेहद अधिक है. इतना ही नहीं पहली बार एथनॉल बनाने के प्रक्रिया में बायो एनर्जी भी निकल रहा है. इसका इस्तेमाल इलेक्ट्रिक डिवाइस को चार्ज करने के लिए भी किया जा सकेगा. वहीं बाद में जो भूसा वेस्ट मटेरियल में बचकर निकलेगा, उसका इस्तेमाल एनिमल फीड के लिए किया जा सकेगा. यह पोषक तत्वों से युक्त होगा क्योंकि प्रक्रिया के दौरान इसमें कई ऐसी चीजें मिलाई जाती है जो इसको पोषण युक्त बना देता है.भारत सरकार ने वर्ष 2025 तक 20 से 25% तक एथनॉल ब्लेंडिंग का लक्ष्य रखा है. जिसके तहत विभिन्न तरीकों से एथनॉल का उत्पादन किया जा रहा है. वहीं कानपुर विश्वविद्यालय द्वारा जो रिसर्च की गई है वह अभी लैब लेवल पर की गई है. इसको बड़े स्तर पर करने के लिए और उसके प्रोडक्शन के लिए कई कंपनियों से करार को लेकर बातचीत चल रही है.