10 फरवरी को होगा ‘शिवानी जन्मशती समारोह’ का भव्य आयोजन

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(www.Arya Tv .Com)  हिंदी की लोकप्रिय कथाकार शिवानी की जन्मशती के मौके पर नई दिल्ली में एक विशेष आयोजन किया जा रहा है. स्त्री दर्पण डिजिटल मंच द्वारा इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में 10 फरवरी को दोपहर दो बजे से यह कार्यक्रम आयोजित होगा. आईआईसी के सीडी देशमुख सभागार में आयोजित समारोह में प्रख्यात शास्त्रीय गायिका सविता देवी की शिष्या मीनाक्षी प्रसाद का गायन होगा और सुप्रसिद्ध लेखिका ममता कालिया की अध्यक्षता में एक गोष्ठी होगी. गोष्ठी में नासिरा शर्मा उद्घाटन भाषण देंगी.

इस मौके पर शिवानी की पुत्री तथा प्रसिद्ध अंग्रेजी लेखिका इरा पांडेय और प्रोफेसर सुधा सिंह अपना व्यायख्यान देंगी. युवा लेखिका सुदीप्ति भी चर्चा में शिरकत करेंगी. समारोह में स्त्रीलेखा पत्रिका के पुस्तक अंक तथा युवा कवयित्री पारुल बंसल के नए काव्य संग्रह का लोकार्पण होगा. यह आयोजन ड्रीम फाउंडेशन और परफार्मिंग आर्ट्स के सहयोग से हो रहा है.

शिवानी के नाम से मशहूर उत्तराखंड की गौरा पंत ने बारह वर्ष की उम्र से ही लिखना शुरू कर दिया था और जीवन पर्यंत लिखती रहीं. शिवानी कहती भी थीं कि जब तक उनकी उंगलियां चल रही हैं, लिखती रहेंगी. और उन्होंने यह कथन सच करके भी दिखाया.

शिवानी दहेज समेत तमाम सामाजिक कुरीतियों की विरोधी थीं. उन्होंने इन बुराइयों पर ना केवल लिखा बल्कि जमीन पर उतरकर भी विरोध किया. उनका कहना था कि जो लड़के वाले यह कहते हैं कि हमें कुछ नहीं चाहिए, वे उनसे ज्यादा खतरनाक होते हैं जो मुंह खोलकर कुछ मांगते हैं. न मांगने वालों की मांगें बढ़ती ही जाती हैं और बहुत बार ऐसे परिवारों में लड़कियां हिंसा का शिकार बनती हैं.

हिंदी की लोकप्रिय कथाकार शिवानी की जन्मशती के मौके पर नई दिल्ली में एक विशेष आयोजन किया जा रहा है. स्त्री दर्पण डिजिटल मंच द्वारा इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में 10 फरवरी को दोपहर दो बजे से यह कार्यक्रम आयोजित होगा. आईआईसी के सीडी देशमुख सभागार में आयोजित समारोह में प्रख्यात शास्त्रीय गायिका सविता देवी की शिष्या मीनाक्षी प्रसाद का गायन होगा और सुप्रसिद्ध लेखिका ममता कालिया की अध्यक्षता में एक गोष्ठी होगी. गोष्ठी में नासिरा शर्मा उद्घाटन भाषण देंगी.

इस मौके पर शिवानी की पुत्री तथा प्रसिद्ध अंग्रेजी लेखिका इरा पांडेय और प्रोफेसर सुधा सिंह अपना व्यायख्यान देंगी. युवा लेखिका सुदीप्ति भी चर्चा में शिरकत करेंगी. समारोह में स्त्रीलेखा पत्रिका के पुस्तक अंक तथा युवा कवयित्री पारुल बंसल के नए काव्य संग्रह का लोकार्पण होगा. यह आयोजन ड्रीम फाउंडेशन और परफार्मिंग आर्ट्स के सहयोग से हो रहा है.

शिवानी के नाम से मशहूर उत्तराखंड की गौरा पंत ने बारह वर्ष की उम्र से ही लिखना शुरू कर दिया था और जीवन पर्यंत लिखती रहीं. शिवानी कहती भी थीं कि जब तक उनकी उंगलियां चल रही हैं, लिखती रहेंगी. और उन्होंने यह कथन सच करके भी दिखाया.

शिवानी दहेज समेत तमाम सामाजिक कुरीतियों की विरोधी थीं. उन्होंने इन बुराइयों पर ना केवल लिखा बल्कि जमीन पर उतरकर भी विरोध किया. उनका कहना था कि जो लड़के वाले यह कहते हैं कि हमें कुछ नहीं चाहिए, वे उनसे ज्यादा खतरनाक होते हैं जो मुंह खोलकर कुछ मांगते हैं. न मांगने वालों की मांगें बढ़ती ही जाती हैं और बहुत बार ऐसे परिवारों में लड़कियां हिंसा का शिकार बनती हैं.वे धार्मिक होते हुए भी धार्मिक पाखंडों की बहुत विरोधी थीं. शिवानी विधवा विवाह और तलाक की भी प्रबल समर्थक थीं. उनका कहना था कि महिलाएं ही क्यों हमेशा अन्याय सहती रहें.