Uttarkashi Tunnel Rescue: सुरंग में फंसे मजदूरों को अब ये रोबोट निकालेगा बाहर! इस तरह काम करेगी ये डिवाइस

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(www.arya-tv.com) लखनऊ: उत्तरकाशी सुरंग में फंसे 41 मजदूरों को बाहर निकालने के लिए पूरी ताकत झौंक दी गई है. लेकिन अभी तक कामयाबी नहीं मिली है. अब कहा जा रहा है उन्हें रोबोट बाहर निकालेगा. साथ ही रोबोट उनसे संपर्क साधेगा. इसके अलावा उनकी सेहत का भी ध्यान देगा. साथ में ही सुरंग में बन रही विभिन्न प्रकार की गैसों को भी रोकेगा. जिससे कि मजदूरों को बाहर निकालना आसान होगा.

इस रोबोट को बनाया है लखनऊ के रहने वाले रोबोटिक साइंटिस्ट और ‘ड्रोन मैन ऑफ इंडिया’ मिलिंद राज ने. जिन्हें उत्तरकाशी प्रशासन ने वहां पर बुला भी लिया है, ताकि वह और उनका रोबोट सुरंग में फंसे मजदूरों को बाहर निकालने में मदद कर सकें.

40 घंटे में बनाया रोबोट
इस पर जब मिलिंद राज से बात की गई तो उन्होंने बताया कि उन्होंने 40 घंटे से भी कम वक्त में एक ऐसा रोबोट या डिवाइस बनाई है जो उत्तरकाशी सुरंग में फंसे हुए मजदूरों के रेस्क्यू ऑपरेशन में बेहद मददगार साबित होगी. उन्होंने बताया कि यह डिवाइस या रोबोट उन जगहों पर भी हाई स्पीड इंटरनेट देगा. जहां पर मुश्किल से नेटवर्क मिल पाता है. इसके साथ ही यह डिवाइस अपनी खड़ी हुई जगह से 100 मीटर दूरी तक 24 घंटे सातों दिन सुरंग में फंसे हुए मजदूरों की सेहत की मॉनिटरिंग करेगी, यह मॉनिटरिंग ऑडियो और विजुअल दोनों से होगी. साथ ही उन्होंने बताया कि यह डिवाइस सुरंग में बन रही विभिन्न प्रकार की जानलेवा और खतरनाक गैसों को भी रोकेगी. इसके जरिए ड्रिलिंग से आग न लगे या कोई धमाका न हो इसकी भी मॉनीटरिंग भी यह डिवाइस करती रहेगी और रोकने में मदद करेगी.

अलाया अपार्टमेंट में बने थे फरिश्ता
मिलिंद राज ने बताया कि जनवरी 2023 में लखनऊ में अलाया अपार्टमेंट गिर गया था. उस वक्त उनकी डिवाइस में एक सिस्टम लगा था. जिसे हाइपर सेंसिटिव ऑडियो सिस्टम कहते हैं, इसके जरिए उन्होंने वहां पहुंचकर 14 लोगों को बाहर जीवित निकाला था. यह सिस्टम भी इस डिवाइस में लगाया गया है.

पल-पल की मॉनिटरिंग
इस सिस्टम की खासियत यह होती है कि यह जहां खड़ा है वहां से कई मीटर दूरी तक अगर जमीन में कोई फंसा है और अगर वह सांस भी ले रहा है तो उसकी सांस को यह ट्रेस कर लेता है, जिसके जरिए यह पता लगाना आसान हो जाता है कि मलबे में किस जगह कोई व्यक्ति या इंसान दबा हुआ है. उसकी सांसों के जरिए मॉनिटरिंग होती है. यह सिस्टम भी उत्तरकाशी में बेहद काम आएगा.