(www.arya-tv.com) हिंदू देवी-देवताओं पर विवादित टिप्पणी कर सुर्खियों में रहने वाले सपा नेता और पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्या ने देश के बंटवारे और हिंदू राष्ट्र को लेकर भी विवादित बयान दिया है. प्रयागराज के कोरांव इलाके में बुद्ध भारत एकता संघ के तत्वाधान में आयोजित अप्प दीपो भव: कार्यक्रम में शिरकत करने पहुंचे स्वामी प्रसाद मौर्या ने जमकर जहर उगला. स्वामी प्रसाद मौर्या ने देश के बंटवारे के लिए जिन्ना को नहीं बल्कि हिंदू महासभा को जिम्मेदार ठहराया है.
उन्होंने कहा है कि 1923 में सबसे पहले हिंदू महासभा ने द्विराष्ट्र की मांग की थी. 1939 में वीर सावरकर हिंदू महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष बने थे. 1939 से 1942 तक द्विराष्ट्र की मांग जोरदार ढंग से उठती रही. 1947 आते-आते हिंदू महासभा ने इतना दबाव बना दिया कि देश आजाद होने पर लोगों ने देश के बंटवारे को स्वीकार कर लिया. उन्होंने कहा है कि देश का बंटवारा जिन्ना की मांग पर नहीं बल्कि हिंदू महासभा की मांग पर हुआ है.
उन्होंने कहा है कि हिंदू महासभा के बाईलाज पढ़ने पर इस सच्चाई का खुलासा हो जाएगा, वहीं इस मौके पर सपा नेता और पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्या ने निशाना साधते हुए कहा कि जिन लोगों का देश की आजादी में योगदान नहीं रहा है वो आज वह इस देश को बांटने की साजिश कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि भारत में हिंदू मुस्लिम और सिख ईसाई सब मिलजुल कर रहते हैं लेकिन कुछ ताकतें ऐसी हैं जो देश का बंटवारा कराना चाहती हैं.
उन्होंने कहा कि आज सत्ता में बैठे लोग हिंदुओं और मुसलमानों के बीच खाई पैदा करने का काम कर रहे हैं. हिंदू मुसलमान कर देश को बांटने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि भारत एक स्वतंत्र राष्ट्र है और उसका अपना संविधान है, ऐसे में हिंदू राष्ट्र की मांग करने वाले लोग देशद्रोही और राष्ट्रद्रोही हैं. उन्होंने कहा है कि जो हिंदू राष्ट्र की मांग करता है वह देशद्रोही है. उन्होंने अपने बयानों को सही ठहराते हुए मीडिया पर भी जमकर भड़ास निकाली. उन्होंने कहा कि वह जब कोई बयान देते हैं, तो मीडिया उसे उनके बिगड़े बोल या विवादित बयान बता कर प्रचारित करती है. उन्होंने मीडिया को गोबर तक बता डाला.