पीतल कारीगर और हस्तशिल्पियों के लिए खुशखबरी, जिले में लगाई जाएंगी 100 नई गैस भट्टियां

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(www.arya-tv.com) यूपी का मुरादाबाद पूरी दुनिया में पीतल नगरी के नाम से जाना जाता है. वहीं मुरादाबाद में पीतल का बहुत बड़े लेवल पर कारोबार किया जाता है. इस कारोबार को करने के लिए पीतल कारीगरों और हस्तशीलता को कोयले की भट्ठियों का प्रयोग करना होता है. लेकिन अब इन सभी कारीगरों और हस्तशिल्पों के लिए एक खुशी की खबर सामने आई है. क्योंकि मुरादाबाद में गैस भट्ठियों को लगाने की अनुमति मिल गई है जिसको देखते हुए सो नई गैस भारतीय लगाई जाएगी.

पीतल नगरी के हस्तशिल्प और हस्तशिल्पियों के सुधार की दिशा में मुरादाबाद ब्रास कलेक्टर परियोजना 2022 के अंतर्गत बीते वर्ष पायलट प्रोजेक्ट के तहत 40 गैस भाटिया लगाई गई थी. ताकि कोयला भट्ठियों से होने वाले प्रदूषण और बीमारियों से छुटकारा पाया जा सके. बीते दिनों विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय की ओर से साथ सदस्य वैज्ञानिक और इंजीनियरों की टीम यहां गैस भट्ठियों के सर्वेक्षण के लिए पहुंची थी. हस्तशिल्प कारीगरों से पूछताछ में गैस भट्ठियों को कोयला भट्ठियों की अपेक्षा अधिक बेहतर बताया और इस तरह यह ट्रायल सफल रहा.

कारीगरों को होगा फायदा

अब जिले में सो नई गैस बत्तियां लगाई जाएगी जिले में 10000 से अधिक कारीगर है जो कोयला भट्ठियों का प्रयोग कर रहे हैं. टीम ने रामपुर रोड और कुंदरकी में संचालित गैस भट्ठियों का सर्वेक्षण किया. उन्होंने कोयला आधारित और गैस आधारित भट्टियों से निकलने वाली विभिन्न गैस या पदार्थों के आंकड़े एकत्रित किया तो बेहतर परिणाम सामने आए. प्रौद्योगिकी सूचना पूर्वानुमान और मूल्यांकन परिषद के वैज्ञानिक बसाक ने रियल आर्टिजन वेलफेयर ट्रस्ट के महासचिव शाहनवाज अहमद खान से कहा कि जल्द ही अब सरकार की ओर से जिले में सो भट्ठियां लगाई जाएंगी. भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक से सचिन वर्मा, बर्धनश श्रीवास्तव प्रौद्योगिकी एवं विज्ञान मंत्रालय से प्रभारी वित्त एवं प्रशासन टाइफैक मुकेश माथुर वैज्ञानिक पर प्रसाद वैज्ञानिक हेमंत मुखर्जी आदि टीम में रहे.