(www.arya-tv.com) गिरिजा, शारदा और सरयू बैराज से पानी छोड़े जाने के बाद सरयू नदी ने रौद्र रूप धारण कर लिया है। शुक्रवार सुबह अयोध्या में नदी का जलस्तर 93.30 मीटर तक पहुंच गया है। इससे नदी के किनारे ग्रामीण सहित शहर के कुछ इलाकों तक पानी पहुंच गया है। नदी की जलस्तर बढ़ने से गोंडा, अयोध्या, बस्ती, अंबेडकर नगर सहित कई जिलों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है।
सबसे ज्यादा तराई में बसे गांव के लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। किसानों की कई एकड़ फसल डूब गई है। गुरुवार को जलस्तर 93.30 मीटर यानी खतरे के निशान से 30 सेंटीमीटर ऊपर बह रहा था।
सरयू में बोटिंग पर लगी रोक
सरयू में नौका विहार पर प्रशासनिक पाबंदी लगा दी गई है। बैरिकेडिंग के बाद सीढ़ियों के पास ही श्रद्धालुओं को स्नान करने को कहा जा रहा है। श्मशान घाट आधे से ज्यादा डूब गए हैं।
लोगों के झोपड़ियों और घरों में पानी घुसने लगा
गुप्तार घाट स्थित निर्मली कुंड एरिया के लोगों के झोपड़ियों और घरों में पानी घुसने लगा है। वह जरूरी सामानों को बाहर निकालने लगे हैं। गुप्तार घाट के बुर्ज तक पानी पहुंच गया है। मंदिर के चबूतरे तक पानी पहुंचने के करीब है। जमथरा घाट क्षेत्र के कटान जैसी स्थितियां बनने लगी है। आवाजाही के लिए लोगों ने अपनी नाव को ठीक करना शुरू कर दिया है।
अधिशासी अभियंता बाढ़ खंड एसके प्रसाद ने बताया तीनों बैराजों को मिलाकर लगभग सवा चार लाख क्यूसेक पानी छोड़ा जा चुका है। शुक्रवार की दोपहर तक नदी बढ़ते क्रम में ही रहेगी। जल पुलिस आरपी मौर्य के मुताबिक श्रद्धालुओं को अलर्ट करने के लिए पुलिस की गश्त बढ़ा दी गई है।
जिले के कई गांव प्रभावित
सरयू के रौद्र रूप में आने से तराई में बसे दर्जनों गांवों के लोगों की मुसीबत बढ़ गयी है। मांझा कला से लेकर तहसील क्षेत्र के गांव इब्राहिमपुर मंगलसी, रौनाही, तहसीनपुर, सनाहा, कलाफ़रपुर, राम नगर धौरहरा, इस्माइल नगर, सिहोरा आदि के किसानों की सैकड़ो एकड़ खड़ी फसल पानी मे डूब गई।
सदर तहसील के पूराबाजार ब्लाक के करीब 18 गांव बाढ़ के पानी से घिरने लगे हैं। दो गांवों में पानी घुसने से लोगों में खौफ पसर गया है। बताया जा रहा है कि गुरुवार शाम से लेकर शुक्रवार दोपहर तक अन्य गांवों में भी बाढ़ का पानी आ सकता है। तहसील प्रशासन ने हर तरह से बचाव और राहत का दावा किया है।
बाढ़ पीड़ितों की सहायता के लिए 42 नाव लगाई गई
सरयू नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ने लगा है। बाढ़ से प्रभावित इलाकों के गांव पानी से घिर गए हैं। जिसमें बलुइया मांझा व मदरई गांव में पानी पहुंचने लगा है। प्रशासन की तरफ से अभी तक केवल 42 नाव लगाई गई है और गांव के लेखपालों को गांव में कैंप करने का निर्देश दिया गया है।