उर्सला में मरीजों को लिखी जा रही बाहर की दवाइयां:आदेश के बावजूद लिख रहे हैं जेनेरिक दवाइयां

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(www.arya-tv.com)  प्रदेश के उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने साफ निर्देश दिए हैं कि किसी भी सरकारी हॉस्पिटल में मरीजों को जेनेरिक दवाइयां नहीं लिखी जाएंगी। इसके बावजूद कानपुर के उर्सला अस्पताल में धड़ल्ले से डॉक्टर मरीजों को जेनेरिक दवाइयां लिख रहे हैं। सरकारी पर्चे में कुछ दवाइयां लिखने के बाद वह हर मरीज को अलग से एक छोटी पर्ची पकड़ा रहे हैं, जिसमें सभी जेनेरिक दवाइयां लिखी रहती हैं।

मेडिकल स्टोर में यह सारी दवाइयां मिलती हैं
यदि कोई सक्षम अधिकारी मौके पर जाकर देखें तो हर मरीज के हाथ पर ओपीडी से निकलते समय एक छोटी पर्ची जरूर रहेगी, जब मरीज से उस पर्ची के बारे में पूछा गया तो मरीज ने बताया कि यह दवा बाहर से मिलेगी और जो सरकारी पर्चे में दवाइयां लिखी है वह अंदर से मिलती है। एक मरीज ने यह तक बताया कि डॉक्टर ने बताया है कि हॉस्पिटल के बाहर निकलते ही एक स्वीट हाउस है, जिसके बगल के मेडिकल स्टोर में यह सारी दवाइयां मिलती हैं।

यह कंपनी वह नहीं है जो पर्चे में लिखी गई है
कल्याणपुर निवासी एक युवक ने बताया कि अपनी पत्नी को पेट मे दर्द होने के कारण दिखाने आए थे। उन्होंने जन औषधि केंद्र से दवाइयां ली थी, मगर जब वह दवाइयां दिखाने डॉक्टर के पास पहुंचे तो उन्होंने वह दवाइयां वापस करा दी और कहां की यह कंपनी वह नहीं है जो पर्चे में लिखी गई है।

 स्टोरों तक है एम आर की सेटिंग
भले उर्सला अस्पताल में एमआर लोगों को अंदर जाना मना है, लेकिन उनकी सेटिंग अंदर बैठे डॉक्टरों से लेकर बाहर स्थित मेडिकल स्टोर तक है। बाहर स्थित मेडिकल स्टोर पर जब दैनिक भास्कर की टीम ने मरीजों के हाथ में पर्ची देखी और उनसे बातचीत की तो हर किसी ने यही कहा कि जो दवा पर्ची में दी गई है यह अंदर नहीं मिलती है। इसलिए हम लोग बाहर से दवा लेने आए हैं, जो दवा सरकारी पर्चे में लिखी है वह सब उपलब्ध हो गई है।

मेडिकल स्टोर से दवा लिखने की इजाजत नहीं
उर्सला अस्पताल के प्रमुख अधीक्षक एसपी चौधरी से जब इस मामले में बात की गई तो उन्होंने कहा कि किसी भी डॉक्टर को मेडिकल स्टोर से दवा लिखने की इजाजत नहीं है, अगर जेनेरिक दवाइयां लिखनी है तो वो दवाइयां लिखे जो प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र में मरीजों को आसानी से उपलब्ध हो जाए। दो दिन के अंदर ओपीडी में कैमरे लगाए जा रहे हैं, अगर कोई भी डॉक्टर बाहर की दवा लिख रहे हैं तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।