(www.arya-tv.com) प्रयागराज में बाढ़ जैसे हालात बनने लगे है। गंगा और यमुना नदी का तेजी से पानी बढ़ रहा है। बढ़ते जलस्तर को देखते हुए जिला प्रशासन एक्शन और अलर्ट मोड में हैं। संभावित बाढ़ के खतरों को देखते हुए सभी संबंधित विभागों को सतर्क कर दिया गया है। बाढ़ से निपटने को 108 बाढ़ चौकियां और 12 राहत शिविर बनाए गए हैं। मेडिकल टीम, बोट-एम्बुलेंस और राहत दल भी तैनात कर दिया गया है।
हरिद्वार बैराज और हथिनी कुंड से छोड़े गए पानी पर नज़र
प्रयागराज और उसके आसपास के जिलो में अभी सामान्य बारिश हुई है, लेकिन उत्तराखंड और पड़ोसी राज्यों से गंगा और यमुना नदी में आ रहे बाढ़ के पानी से यहां नदियों के जलस्तर में तेजी से बढ़ोत्तरी हो रही है। इस समय दोनों नदियों में हर घंटे 1.5 सेंटीमीटर की दर से पानी बढ़ रहा है।
हथिनी कुंड बैराज से 2 लाख क्यूसेक, माटाटीला बांध से 1.5 लाख क्यूसेक और कोटा बैराज से 2 लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने के बाद प्रयागराज में नदियों का पानी खतरे के निशान की ओर तेजी से बढ़ रहा है। इसे देखते हुए जिले का पूरा सरकारी अमला बाढ़ से निपटने के लिए प्रभावित इलाकों में नज़र बनाए हुए है।
108 बाढ़ चौकियां और 12 राहत शिविर बनाए गए
गंगा और यमुना से घिरे प्रयागराज में संभावित बाढ़ को लेकर जिला प्रशासन अलर्ट मोड पर है। डीएम संजय कुमार खत्री ने सभी विभागों की बैठक लेकर बाढ़ से निपटने की तैयारियों की समीक्षा की है। डीएम का कहना है, बाढ़ के हालात को देखते हुए सभी राहत और बचाव की आवश्यक सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। संबंधित अधिकारियों ने क्षेत्रों में भ्रमण कर बाढ़ चौकियों को भी चिह्नित कर लिया है। जिले में अभी 108 बाढ़ चौकियां बनाई गई हैं। इसके अलावा 22 बाढ़ राहत शिविर भी चिह्नित कर लिए गए हैं। बाढ़ के हालात को देखते हुए इनकी संख्या और बढ़ाई जाएगी। जिलाधिकारी ने बाढ़ से प्रभावित लोगो की सहायता के लिए एक वॉट्सऐप नंबर चालू करने के लिए कहा है ।