निकाय चुनाव में ताकत दिखाएंगी मायावती:दलित, मुस्लिम और पिछड़ा वोटर्स पर रहेगा फोकस

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(www.arya-tv.com) यूपी की सत्ता से डेढ़ दशक से बाहर बसपा एक बार फिर अपनी ताकत दिखाने की तैयारी में है। इसी के चलते रविवार को पार्टी की एक अहम बैठक हुई। इसमें बसपा सुप्रीमो मायावती ने निकाय चुनाव को लेकर खुद पार्टी के कार्यकर्ताओं को दिशा-निर्देश दिए।

दरअसल, 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले प्रदेश में निकाय चुनाव होना है। एक तरह से ये चुनाव ट्रायल के तौर पर देखे जा रहे हैं। इसीलिए पहली बार बसपा अपने सिंबल पर निकाय चुनाव के मैदान में उतरने जा रही है।पहली बार बसपा ने रणनीति तैयार की है। इसके पीछे एक वजह बसपा का राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा बचाए रखना भी है। दूसरी तरफ, 2024 लोकसभा चुनाव से पहले दलित-पिछड़ा और मुस्लिम वोटर जोड़ने पर फोकस है।

 दलित समाज बसपा के साथ होने का जताया भरोसा
मायावती ने कहा, ‘‘दलित समाज मजबूत चट्टान की तरह बसपा पार्टी और मूवमेंट के साथ हमेशा खड़ा रहता है। जबकि सपा जैसी पार्टियां उन्हें वोट बैंक की तरह इस्तेमाल करती रहती हैं। इसी वजह से भाजपा यूपी में मजबूत हुई है।’

 पिछड़ों-मुसलमानों को मायावती ने दिया साफ संदेश
मायावती ने कहा, ‘‘अब यूपी में निकाय चुनाव में खासकर ओबीसी वर्ग के हित कल्याण तथा इसके आरक्षण बेरोजगारी तथा खेती संकट आदि को लेकर भाजपा और इनकी सरकार पूरी तरह से कटघरे में है। भाजपा की हालत डांवाडोल है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘समाजवादी पार्टी भी दलित, अति पिछड़े और मुस्लिम समाज के हित की सुरक्षा के मामले में छलावा कर रही है। इस वजह से वह भी पूरी तरीके से बैकफुट पर है।’’

निजी स्वार्थ से अलग जिताऊ उम्मीदवार की तलाश करें
बसपा प्रमुख ने कहा, ‘‘निकाय चुनाव में उम्मीदवारों का चयन काफी सोच-समझकर करना होगा। सिर्फ उन्हीं लोगों को प्राथमिकता दी जाएगी, जो सर्व समाज के साथ जनहित के कार्यों में सफल रहे हैं। निजी स्वार्थ वाले किसी उम्मीदवार के चयन पर पार्टी की तरफ से विचार नहीं किया जाएगा।’’