(www.arya-tv.com)लखनऊ । देश से टीबी मुक्त बनाने के लिए शुक्रवार को विश्व टीबी दिवस पर मुहिम को और गति प्रदान की गयी। जिसमें टीबी को हराने के लिए समय पर बीमारी की पहचान जरूरी है। यह जन सहभागिता से मुमकिन होगा। टीबी के लक्षण और उसकी गंभीरता को जन-जन तक पहुंचाकर बीमारी को खत्म करने के लक्ष्य को आसानी से हासिल कर सकते हैं। यह बातें उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कही। उन्होंने कहा कि प्रदेश से टीबी को खात्मा तय समय पर होगा। प्रधानमंत्री के निर्देशन में टीबी मुक्त भारत बनाना है। उन्होंने कहा कि टीबी के सफाए के लिए समय पर बीमारी की पहचान जरूरी है। स्वास्थ्य विभाग इस काम को बखूबी निभा रहा है। मौजूदा समय में यूपी में करीब पांच लाख 23 हजार टीबी के मरीज हैं। करीब 8,000 गर्भवती महिलाओं में टीबी के लक्षण पाए जाते हैं। एक अप्रैल 2018 से हर माह पंजीकृत टीबी मरीज के बैंक खाते में 500 रुपये भेजे जा रहे हैं। अब तक 16 लाख 18 हजार टीबी मरीजों के बैंक खाते में यह रकम भेजी जा चुकी है। कुल चार करोड़ 20 लाख का भुगतान किया जा चुका है। इसका मकसद मरीजों को इलाज के साथ पोषण उपलब्ध कराना है। टीबी के बैक्टीरिया को खत्म करने के लिए मरीजों को सही पोषण उपलब्ध कराना बेहद जरूरी है।
