सार्वजनिक क्षेत्र के इलाहाबाद बैंक के निदेशक मंडल ने बैंक का इंडियन बैंक के साथ विलय करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इससे देश का सातवां सबसे बड़ा सरकारी बैंक अस्तित्व में आएगा। इसका कुल कारोबार 8.08 लाख करोड़ रुपये का होगा एवं इसकी शाखाओं की कुल संख्या 6,104 होगी।
बैंक के कर्मचारियों ने किया प्रदर्शन
वहीं इलाहाबाद बैंक के कर्मचारियों और अधिकारियों ने विलय प्रस्ताव के खिलाफ बैंक के मुख्यालय के सामने प्रदर्शन किया। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 30 अगस्त को सार्वजनिक क्षेत्र के दस बैंकों के एकीकरण के जरिये चार बैंक बनाने की घोषणा की थी।
इस संदर्भ में इलाहाबाद बैंक ने कहा कि, ‘सेबी की सूचीबद्धता प्रतिबद्धता और खुलासा अनिवार्यता के तहत निदेशक मंडल की सोमवार को हुई बैठक में इस प्रस्ताव पर विचार किया गया और इस विलय को सैद्धान्तिक मंजूरी दी गई।’ इस बीच, बैंक कर्मचारियों और अधिकारियों ने बैंक के मुख्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। बैंक कर्मचारी संघ के एक पदाधिकारी ने दावा किया कि इंडियन बैंक के साथ विलय का प्रस्ताव गैरकानूनी है।
कॉरपोरेशन बैंक ने भी दी मंजूरी
कॉरपोरेशन बैंक के निदेशक मंडल ने भी अपने यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के साथ विलय प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। बैंक ने शेयर बाजारों को भेजी सूचना में यह जानकारी दी।
