(www.arya-tv.com) सीएम योगी के करीबी माने जाने वाले IAS अवनीश अवस्थी बुधवार को रिटायर हो चुके हैं। नौकरशाही में अवनीश के एक्सटेंशन को लेकर अटकलें थीं। मगर, उन्हें एक्सटेंशन नहीं मिल पाया। ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि अब अवनीश अवस्थी का क्या होगा? खबर है कि भले ही उनको केंद्र ने एक्सटेंशन न दिया हो। मगर, सीएम योगी अपने ‘डिलीवरी मैन’ को बड़ी जिम्मेदारी दे सकते हैं। इसकी वजह है, 2017 में केंद्र से यूपी आए अवनीश अवस्थी लगातार योगी सरकार के एजेंडे पर काम कर रहे थे।
सीएम के मुख्य सलाहकार या यूपीडा के चेयरमैन बन सकते हैं
सूत्रों की मानें, तो सीएम ने अवनीश अवस्थी के लिए पहले से ही जिम्मेदारी तय कर रखी है। उनको सीएम का चीफ एडवाइजर बनाया जा सकता है। दूसरा ऑप्शन, यूपीडा के चेयरमैन बनाने का है। यूपी में दो एक्सप्रेस-वे बनाने में अवनीश अवस्थी की अहम भूमिका रही है। तीन एक्सप्रेस-वे अभी भी पाइप-लाइन में हैं। ऐसे में उनको यूपीडा की जिम्मेदारी भी मिल सकती है।
अवस्थी को क्यों नहीं मिल पाया एक्सटेंशन?
अवनीश अवस्थी को एक्सटेंशन नहीं मिल पाया है। केंद्र ने उनकी एक्सटेंशन वाली फाइल पर कोई जवाब नहीं दिया है। इसके पीछे दो बड़ी वजह हैं…
1. प्रशासनिक वजह: देश में कहीं भी ACS यानी एडिशनल चीफ सेक्रेटरी को एक्सटेंशन देने का कोई उदाहरण नहीं है। सिर्फ DGP और चीफ सेक्रेटरी को ही एक्सटेंशन मिल सकता है। अवनीश अवस्थी न तो चीफ सेक्रेटरी हैं और न ही DGP। ऐसे में उन्हें एक्सटेंशन नहीं मिल पाया। अगर केंद्र अवनीश अवस्थी को एक्सटेंशन देता, तो फिर बाकी राज्यों से भी ऐसी मांग आ सकती है। शायद इसीलिए केंद्र ने कोई नई परिपाटी नहीं शुरू की।
2. विस्तार देने का फैसला केंद्र को करना था: अवनीश अवस्थी यूपी की नौकरशाही में बेहद चर्चित हैं। वह सीएम के बेहद खास माने जाते हैं। मगर, उनको लेकर नौकरशाही के एक हिस्से में नाराजगी भी रहती है। अवनीश के एक्सटेंशन वाले फाइल पर DOPT में कोई फैसला नहीं हुआ। इसके पीछे यूपी की नौकरशाही की अंदरूनी पॉलिटिक्स भी बताई जाती है।
कैसे योगी के करीबी अफसर बने अवनीश अवस्थी?
अवनीश अवस्थी को सीएम योगी का करीबी अफसर बताया जाता है। 2002-2003 में जब अवनीश अवस्थी गोरखपुर के DM हुआ करते थे, तो योगी गोरखपुर के सांसद थे। कहते हैं कि सीएम बनने के बाद केंद्र से आए अवनीश अवस्थी पर सीएम ने भरोसा जताया। अवस्थी उस भरोसे पर पूरी तरह खरे उतरे।
योगी ने अवस्थी को कई बड़े विभागों की जिम्मेदारी सौंपी और रिजल्ट भी मिला। बतौर अपर मुख्य सचिव गृह CAA और NRC के खिलाफ विरोध प्रदर्शन पर कार्रवाई, माफिया के खिलाफ योगी सरकार का बुलडोजर, धर्मस्थलों से लाउडस्पीकर उतारना हो, एनकाउंटर जैसी पॉलिसी को अवनीश अवस्थी ने लागू करवाया। साथ ही पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे और बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे निर्माण की जिम्मेदारी भी अवनीश अवस्थी के पास ही थी।
सबसे बड़ा सवाल- अवनीश के बाद किसके पास होगा गृह विभाग?
अवनीश अवस्थी के रिटायरमेंट से पहले ही गृह विभाग का मुखिया कौन बनेगा? इसको लेकर चर्चा शुरू हो गई थी। इस रेस में ACS स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद, बेसिक शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव दीपक कुमार, सूचना विभाग के प्रमुख सचिव संजय प्रसाद और नगर विकास के प्रमुख सचिव अमृत अभिजात के नाम चल रहे थे। हालांकि, अवनीश के रिटायरमेंट के तुरंत बाद उनके सारे विभागों की एडिशनल चार्ज मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव संजय प्रसाद को दे दिया गया।