www.arya-tv.com) टीम इंडिया ने एक हाई वोल्टेज मुकाबले में पाकिस्तान को 5 विकेट से हराकर एशिया कप में अपने अभियान की बेहतरीन शुरुआत की। कागज पर मुकाबला काफी करीबी दिखा। आखिरी ओवर की चौथी गेंद पर फैसला हो तो मैच को संघर्षपूर्ण ही कहेंगे। जिन्होंने स्टेडियम में या टीवी पर यह मैच देखा है वे भी इसे नेलबाइटिंग फिनिश ही कहेंगे।
वैसे यह पाकिस्तान की अच्छी किस्मत है कि पिछला मैच रोमांचक मुकाबले के तौर पर याद किया जाएगा। सच्चाई यह है कि पाकिस्तान का क्रिकेट सिस्टम भारतीय सिस्टम से बुरी तरह मात खा गया है। भारत ने क्रिकेट की प्लानिंग और स्ट्रैटेजी के मामले में पाकिस्तान को करारी पटखनी दे दी है। कैसे? चलिए समझते हैं…
भारत ने कंडीशन को बेहतर इवैलुएट किया, बेहतर प्लेइंग-11 चुनी
UAE को पाकिस्तान क्रिकेट टीम का दूसरा घर कहा जाता है। जब आतंकवाद के कारण पाकिस्तान में मैच होने बंद हो गए तब UAE ही उसके घरेलू इंटरनेशनल मुकाबलों को होस्ट करता था।
ऐसे में यही माना जा रहा है कि पाकिस्तानी खेमे के पास कंडीशन की बेहतर समझ होगी, लेकिन ऐसा हुआ नहीं। भारत ने यह फिगर आउट किया कि यहां तेज गेंदबाज मैच विनर साबित हो सकते हैं। इसलिए चार पेसर्स प्लेइंग-11 में शामिल किए गए। दिग्गज गेंदबाज रविचंद्रन अश्विन को बाहर बैठना पड़ा।
दूसरी ओर पाकिस्तान ट्रिक मिस कर गया। वह तीन तेज गेंदबाजों के साथ ही उतरा। दोनों टीमों के फास्ट बॉलर्स ने अच्छी गेंदबाजी की, लेकिन पाकिस्तान के पास हथियार की कमी दिखी। उनके पास एक तेज गेंदबाज कम था।
गेंदबाजी का सॉलिड प्लान लेकर उतरे
पाकिस्तान की बैटिंग लाइनअप में बाबर आजम और मोहम्मद रिजवान के तौर पर दुनिया के नंबर-1 और नंबर-3 बल्लेबाज मौजूद थे। फर्स्ट डाउन बैटिंग करने वाले फखर जमान अपने दिन किसी भी बॉलिंग अटैक को तहस-नहस करने की क्षमता रखते हैं। शादाब खान की गिनती बेहतरीन ऑलराउंडर्स में होती है। जाहिर है पाकिस्तान की बैटिंग काफी दमदार है। इतनी दमदार कि इस टीम ने पिछले साल टी-20 वर्ल्ड कप में हमें 10 विकेट से हरा दिया था।
इस बैटिंग लाइनअप के सामने भारत एक क्लियर कट प्लान लेकर उतरा। कोच राहुल द्रविड़ और कप्तान रोहित शर्मा ने मैच से एक दिन पहले रात दो बजे तक मीटिंग की थी। बताया जा रहा है कि इसी मीटिंग में फैसला हुआ कि भारतीय गेंदबाज पाकिस्तानी बल्लेबाजों को बाउंस आउट करने की कोशिश करेंगे। दुबई की डेड पिच बाउंसर को हथियार बनाने का फैसला मास्टर स्ट्रोक साबित हुआ। पाकिस्तान के पहले पांच विकेट शॉर्ट पिच गेंद पर ही गिरे।