गुप्ता ब्रदर्स ने फैलवाई अरेस्ट स्टे मिलने की झूठी अफवाह:नशे के सौदागरों का हवाला कनेक्शन भी

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www.arya-tv.com)  गोरखपुर में नशीली दवाईयों के सौदागर भाईयों का नया खेल सामने आया है। फरार दोनों शातिरों के इशारे पर भालोटिया मार्केट के व्यापारियों ने सोमवार को पूरे शहर में अरेस्ट स्टे मिल जाने की अफवाह फैलवा दी। अधिकांश लोगों ने मान भी लिया कि गुप्ता ब्रदर्स को हाईकोर्ट से अरेस्ट स्टे मिल गया है। लेकिन यह बात पूरी तरह गलत है।

संतकबीरनगर में दर्ज हुआ था केस
दरअसल, इस मामले में 6 अगस्त को सबसे पहले संतकबीरनगर जिले में नशीली दवाओं की खेप पकड़ी गई थी। संतकबीरनगर में भी NDPS एक्ट ड्रग विभाग ने आगरा के दो व्यापारी भाईयों अमित गोयल और अनुज गोयल उर्फ काके के खिलाफ केस दर्ज कराया था। इस केस में अमित गुप्ता और आशीष गुप्ता शामिल नहीं थे। जबकि बाद में गोरखपुर में नशीली दवाईयां बरामद हुई और पुलिस ने इस मामले में यहां भी गीडा थाने में केस दर्ज किया था।

गोरखपुर के केस में नहीं मिला स्टे
इस मामले में कुछ दिनों बाद में अमित गोयल ने इस मामले में हाईकोर्ट में अरेस्ट स्टे के लिए अर्जी दी थी। जिसपर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई तक आगरा के दोनों व्यापारी भाईयों को अरेस्ट स्टे दिया है। लेकिन गोरखपुर के गीडा थाने में दर्ज केस में आगरा के दोनों व्यापारियों के अलावा नशे के असल सौदागर अमित गुप्ता और आशीष गुप्ता भी नामजद हैं। गोरखपुर में दर्ज केस में अभी तक किसी भी आरोपी को स्टे नहीं मिला है।

जल्द हाईकोर्ट जाएंगे गुप्ता ब्रदर्स
हालांकि भालोटिया मार्केट के सूत्रों का दावा है कि आगरा के व्यापारी भाईयों को मिले स्टे को आधार बनाकर जल्द ही गुप्ता ब्रदर्स भी हाईकोर्ट में अरेस्ट स्टे की अर्जी डाल सकते हैं। क्योंकि उन्हें पता है कि पुलिस न ही उन्हें स्टे मिलने में विरोध करेगी और न ही उनकी गिरफ्तारी ही होगी।

हवाला के भी बड़े कारोबारी हैं गुप्ता ब्रदर्स
वहीं, इस मामले की गोपनीय जांच करने गोरखपुर पहुंची टीम को इस बात की भी जानकारी मिली है कि गुप्ता बद्रर्स नशे के काले कारोबार के साथ ही हवाला के कारोबार में भी शामिल थे। दोनों भाईयों के एक इशारे पर भालोटिया मार्केट का करोड़ों रूपया पल भर में देश के किसी भी कोने में बिना बैंक के डिलेवर हो जाता था। गुप्ता ब्रदर्स के हवाला कारोबार का भालोटिया मार्केट के अधिकांश व्यापारी फायदा उठाते थे।

भालोटिया के व्यापारियों की करते थे मदद
क्योंकि कच्चे पर बिकने वाली दवाईयों में GST की जमकर चोरी होती है। ऐसे में इस तरह के कटिंग की दवाईयों की खेप की रकम देश भर में दवा कंपनियों को गुप्ता ब्रदर्स के जरिए ही भेजी जाती थी। इसके एवज में दोनों भाई व्यापारियों से मोटा कमीशन भी वसूल करते थे। फिलहाल इस मामले की जांच जारी है। जल्द ही टीम इस मामले की जांच रिपोर्ट शासन को सौंप देगी। ताकि अन्य विभागों के जरिए भी नशे के सौदागरों पर शिकंजा कसा जा सके।

व्यापारी कंपनी को वापस भेज रहे नारकोटिक्स की दवाएं
वहीं, अब इस मामले में बढ़ती सख्ती को देख थोक व्यापारियों ने नारकोटिक्स की दवाएं कंपनी को वापस भेजनी शुरू कर दी हैं। भालोटिया मार्केट के 80% दुकानदारों ने दवाएं वापस भेज दी हैं। क्योंकि बीते 15 अगस्त से प्रदेश भर में कैंपिंग स्टोरेज लागू हो गया है। जिसके तहत नारकोटिक्स की दवाईयों के स्टॉक और बिक्री के मानक तय कर दिए गए हैं।

पकड़ी गई थी 2 करोड़ की नशीली दवाईयां
दरअसल, बीते 6 अगस्त को गीडा में दो करोड़ रुपये की कफ सिरप फेंसीडिल पकड़ी गई थी, जो आगरा से ब्लीचिंग पाउडर के बिल पर मंगाई गई थी। इसमें भालोटिया के थोक दवा व्यापारी आशीष गुप्ता और अमित गुप्ता पर NDPS एक्ट के तहत मुकदमा भी दर्ज कराया गया है।

इसके बाद ड्रग विभाग लगातार नारकोटिक्स वाली दवाओं को बेचने वाले दुकानदारों के यहां जांच कर रहा है। इसके अलावा इस कारोबार में मिलीभगत वाले ड्रग विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों की भी जांच शुरू हो गई है।