(www.arya-tv.com) 60 के दशक के सबसे पॉपुलर कॉमेडियन रहे राजेंद्र नाथ की आज 93वीं बर्थ एनिवर्सरी है। राजेंद्र नाथ उस समय फिल्मों में आए जब महमूद अपनी काबिलियत से इंडस्ट्री में जॉनी वॉकर जैसे बड़े कॉमेडियन को पीछे कर रहे थे। इसके बावजूद राजेंद्र नाथ ने अपने लिए जगह बना ली। राजेंद्र यूं तो बॉम्बे हीरो बनने आए थे, लेकिन उन्हें असल पहचान मिली कॉमेडी से।
भाई प्रेम नाथ के नक्शेकदम पर राजेंद्र बॉम्बे तो आए लेकिन काम के लेकर उनकी लापरवाही बड़े भाई से बर्दाश्त नहीं हुई। बात इतनी बढ़ी कि प्रेम ने इन्हें घर से निकाल दिया। कई महीनों के संघर्ष के बाद राजेंद्र नाथ फिल्मों में तो आए लेकिन इनकी शुरुआती फिल्में फ्लॉप रहीं। इन्हें असल पहचान तब मिली जब ये हीरो नहीं बल्कि कॉमेडियन बनकर 1959 की फिल्म दिल देके देखो में नजर आए। तब से लेकर 1998 तक राजेंद्र नाथ करीब 253 फिल्मों का हिस्सा रहे। कॉमेडी के अलावा इन्होंने फिल्म मेकिंग में भी हाथ आजमाया, लेकिन पहली ही फिल्म ने इन्हें बड़े कर्जे में डुबा दिया।
राजेंद्र नाथ का जन्म 8 जून 1931 में टीकमगढ़ में हुआ था। इनके पिता पुलिस ऑफिसर हुआ करते थे जो पाकिस्तान के पेशावर से भारत आए थे। उनकी अलग-अलग शहरों में पोस्टिंग हुआ करती थी। एक्टर प्रेम नाथ इनके बड़े भाई थे, जो पढ़ाई पूरी कर हीरो बनने बॉम्बे गए थे।
रीवा में स्कूलिंग पूरी करने के बाद प्रेम नाथ के कहने पर राजेंद्र नाथ भी 1947 में बॉम्बे पहुंच गए। राजेंद्र नाथ की बहन कृष्णा की शादी पृथ्वीराज कपूर के बेटे राज कपूर से हुई थी, तो उन्हें बॉम्बे में मदद मिल गई। राजेंद्र नाथ ने पृथ्वी थिएटर जॉइन कर दीवार, आहुति, पठान और शकुंतला जैसे नाटकों में हिस्सा लिया।
संघर्षों से भरे रहे शुरुआती दिन
प्ले के अलावा राजेंद्र नाथ को फिल्मों में छोटे-मोटे रोल मिलने लगे। ये रोल इतने छोटे थे कि किसी ने उन्हें नोटिस तक नहीं किया। प्रेम नाथ की इंडस्ट्री में अच्छी पकड़ थी और कमाई भी अच्छी थी, तो काम न होते हुए भी राजेंद्र बेफिक्र होकर जिंदगी जीने लगे। देखते-ही-देखते प्रेम नाथ को छोटे भाई का ये लापरवाही से भरा रवैया खटकने लगा था।
बड़े भाई ने कर दिया घर से बाहर
एक दिन राजेंद्र नाथ की बेफिक्री से परेशान होकर प्रेम नाथ ने उन्हें घर से निकाल दिया। राजेंद्र, बड़े भाई के दूसरे घर में रहने पहुंच गए। छत तो थी, लेकिन ना खाने के पैसे थे और ना घर का सामान। एक स्कूटर थी लेकिन उसमें पेट्रोल डलवाने के रुपए तक नहीं थे। खाने के लिए दोस्तों के मोहताज थे। उस समय राजेंद्र नाथ, यश जौहर (करण जौहर के पिता) के साथ रहते थे, जो उस समय साथ संघर्ष कर रहे थे। खाने-पीने के लिए अब राजेंद्र को काम ढूंढना ही था।
भाई की मौत के बाद टूट गए थे राजेंद्र नाथ
1991 में प्रेम नाथ के निधन के बाद राजेंद्र नाथ बुरी तरह टूट गए थे। सबको हंसाने वाले राजेंद्र नाथ के चेहरे पर मायूसी साफ नजर आने लगी थी। 7 साल बाद 1998 में छोटे भाई नरेंद्र नाथ का भी निधन हो गया, जिसका सदमा काफी गहरा था। इसी साल राजेंद्र नाथ ने अभिनय से दूरी बना ली। लोगों से दूर हुए और एकांत में जीने लगे। आखिरकार 2008 में दिल का दौरा पड़ने से राजेंद्र नाथ का निधन हो गया।