लखनऊ में चिकन का भाव 60 रुपए किलो बढ़ा:30 दिन में 220 से 280 हुआ दाम

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(www.arya-tv.com) एक महीने चिकन करीब 60 रुपए प्रति किलो तक महंगा हो गया है। लखनऊ में एक अप्रैल को 200 से 220 रुपए प्रति किलो तक मिलने वाला मुर्गे का मीट एक मई को करीब 260 से 280 रुपए प्रति किलो तक पहुंच गया है। मुर्गा फॉर्म मालिकों का कहना है कि लागत बढ़ने और गर्मी में प्रजनन कम होने की वजह से डिमांड के अनुसार सप्लाई नहीं हो पा रही है। ऐसे में रेट बढ़ रहे है।

मुर्गा पालन करने वाले मलिहाबाद निवासी वसी अहमद बताते हैं कि पहले एक किलो मुर्गा वह लोग 100 से 110 रुपए तक देते थे लेकिन अब 135 रुपए तक होल सेल में मुर्गा बिक रहा है। उन्होंने बताया कि फॉर्म मालिक आढ़ती को देता है, उसके बाद वहां से छोटे रिटेलर जिसको कटर कहा जाता है वहां मुर्गा जाता है। तीन सेट के बाद मुर्गा कस्टमर तक पहुंचता है।

दाना महंगा हो गया
मुर्गा पालन में सोया और मक्के का इस्तेमाल होता है। मौजूदा समय सोया 56 रुपए किलो और मक्का 22 रुपए किलो हो गया है। पिछले दो से तीन महीनों के अंदर मक्का का भाव प्रति किलो चार रुपए तक महंगा हुआ है। जबकि सोया का भाव करीब 10 रुपए बढ़ा है। फरवरी तक सोया बाजार में 45 रुपए किलो मिल जाता था।

25 से 30 फीसदी चूजे मर जाते है
चूजा डालने वालों का कहना है कि गर्मी और उमस में बच्चे काफी मरते हैं। अगर कोई फॉर्म मालिक 2000 बच्चे डालता है तो उसमें करीब 500 से 600 बच्चे मर जाते है। आम दिनों में मरने वालों का यह आंकड़ा मुश्किल से 50 से 100 तक होता है। नुकसान होने के डर से बहुत से फॉर्म मालिकों ने दो महीने चूजा डालना बंद कर दिया है। अब ऐसे में अचानक डिमांड और सप्लाई का समीकरण गड़बड़ हो गया है।

वजन भी कम हो जाता है
लालबाग में मुर्गा बचने वाले असलम बताते हैं कि गर्मी में तैयार मुर्गों का वजन भी कम होने लगता है। उदाहरण के लिए अगर कोई मुर्गा फॉर्म पर तैयार हुआ है और उसका वजन 1500 ग्राम है। फॉर्म मालिक से आढ़ती और वहां से कटर के यहां जाते-जाते उसके वजन में करीब 200 से 250 ग्राम की गिरावट आ जाती है। ऐसे में जो मुर्गा 100 रुपए प्रति किलो खरीदा गया है, उसकी सही लागत करीब 125 रुपए किलो पड़ती है।

लखनऊ में एक लाख टन मुर्गे की खपत
बाजार के जानकारों का दावा है कि हर महीने करीब 500 ट्रक मुर्गा यानी एक लाख टन मुर्गे का मीट बाजार में बिकता है। लेकिन डिमांड ज्यादा और सप्लाई कम होने की वजह से दामों में एक महीने में 60 रुपये का इजाफा हो गया है। जून से लेकर 15 जुलाई् तक बढ़ोतरी का क्रम जारी रह सकता है।

पूरे साल का रेट एक साथ तय होता है
होटल और बड़े – बड़े रेस्ट्रां वाले आढ़तियों से पूरे साल का रेट एक साथ तय कर लेते है। यह रेट करीब 150 से 180 रुपए प्रति किलो मीट के हिसाब से होता है। अब रेट अचानक 280 रुपए तक पहुंच गया है। अब इनको इसका नुकसान होता है। हालांकि रेट पहले से तय होने की वजह से अक्सर महंगा होने के बाद भी होटल और रेस्त्रां वाले अपना दाम नहीं बढ़ाते है।