(www.arya-tv.com)गोमती को निर्मल बनाने में नाकाम जिम्मेदार अब इसकी गंदगी छुपाने में लग गए हैं। तीसरी ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी में लखनऊ आ रहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व अन्य अतिथियों को गोमती में गिरने वाले नाले और सीवर की गंदगी न दिखे, इसके कवायद तेज हो गई है। नदी में रोज करीब 600 एमएलडी सीवर गिरने से समता मूलक और 1090 चौराहे के पास नदी में नुकसानदेह झाग बनता है। इसपर पीएम की नजर न पड़े, इसके लिए उसे तीन ओर से ग्रीन नेट लगाकर ढका जाएगा।
ग्रीन व्यू कटर लगाकर कवर किया जाएगा
गोमती बैराज के अपस्ट्रीम भाग में जलकुंभी हटाकर नदी में आने वाले जल प्रवाह स्रोत को तीन ओर से ग्रीन व्यू कटर लगाकर कवर किया जाएगा। इस जल प्रवाह प्रणाली के किनारे साफ-सफाई भी की जाएगी। यह निर्देश डीएम अभिषेक प्रकाश ने रविवार को ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी के कार्यों की समीक्षा व निरीक्षण के दौरान नगर निगम के अधिकारियों को दिए। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व विशिष्ट अतिथियों के आवागमन मार्ग का निरीक्षण किया। पीएम लामार्टिनियर ग्राउंड हैलीपैड पर उतरकर लोहिया पथ के माध्यम से इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान पहुंचेंगे और इसी मार्ग से वापस होंगे।
मार्ग प्रकाश की व्यवस्था दुरुस्त की जा रही है
डीएम ने बताया कि मार्गों, चौराहों व रेलिंग्स की साफ सफाई व रंगाई पुताई के साथ आवागमन मार्ग पर विशेष रूप से मार्ग प्रकाश की व्यवस्था दुरुस्त की जा रही है। वहीं, पोल व स्ट्रीट लाइट की मरम्मत संग तिरंगी झालरों से पोलों की सजावट की जाएगी। अनावश्यक होर्डिंग हटेंगी। लोक निर्माण विभाग आवागमन मार्ग के डिवाइडर व फुटपाथ की रंगाई पुताई के साथ सड़क के दोनों ओर व मध्य की पट्टियों को थर्मोप्लाटिक पेंट से चमकाएगा। सड़क के मध्य लगे पेड़ों के तने को लाल व सफेद रंग से रंगा जाएगा। वहीं, एलडीए निर्माणाधीन इमारतों को ग्रीन कवर से ढकवाएगा।
1500 करोड़ मिलें तो हो गोमती की गंदगी
शहर में अभी करीब 750 एमएलडी सीवर रोज निकलता है। इसमें से 438 एमएलडीए सीवर का ही निस्तारण हो पाता है। 120 एमएलडी का एक और एसटीपी बनने के बाद यह क्षमता 558 हो जाएगी। उसके बाद भी 192 एमएलडी सीवर सीधे गोमती में जाएगा। इसे रोकने के लिए और एसटीपी बनाने पड़ेंगे, जिसके लिए करीब 1500 करोड़ रुपये की जरूरत है। इसको लेक र जल निगम प्रोजेक्ट भी भेज चुका है, लेकिन अब तक बजट जारी नहीं हुआ। अभी शहर में निकलने वाले सीवर और नालों के गंदे पानी को ट्रीट करने के लिए दो सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट भरवारा और दौलतगंज में है। तीसरा 120 एमएलडी क्षमता का एसटीपी लोहिया पथ पर डीजीपी ऑफिस के पीछे हैदर कैनाल की खाली पड़ी जमीन पर बन रहा है। इसका काम इतना धीमा है कि यह तीन साल बाद भी अधूरा है। ऐसे में हैदर कैनाल का गंदा पानी सीधे गोमती नदी में 1090 चौराहे पास मिल रहा है। इसी तरह घैला व गोमती नगर विस्तारित सहित अन्य क्षेत्रों के भी सात बड़े नाले गोमती में गिर रहे हैं।