बेड न मिलने से मासूम की गई जान:SGPGI की इमरजेंसी में नहीं किया भर्ती

# ## Lucknow

(www.arya-tv.com) SGPGI यानी संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान में बड़ी लापरवाही का मामला सामने आया है। संस्थान पर इलाज के लिए पहुंचे बच्चे की हालत बिगड़ने के बाद भी उपचार न करने का आरोप लगा है। डॉक्टरों ने OPD से पहले इमरजेंसी भेजकर बच्चे को एडमिट कराकर उपचार करने की बात कही पर इमरजेंसी में बेड न होने की दलील देकर उसे दूसरे अस्पताल भेज दिया गया। इस बीच SGPGI से लोहिया संस्थान के लिए रिफर किए गए मासूम को वहां भी प्राथमिक इलाज देने के बाद KGMU के लिए रिफर कर दिया गया। पर रास्ते में ही बच्चे की मौत हो गई।

OPD में लेकर पहुंचे थे परिजन

जानकारी के मुताबिक बिहार के 11 साल के यशस्वी को लगातार बुखार की समस्या थी। इस बीच प्लेटलेट काउंट में भी गिरावट दर्ज हुई। SGPGI में ही उपचार चल रहा था। गुरुवार को परिजन बच्चे को लेकर OPD में पहुंचे, जहां बच्चे की हालत गंभीर हो गई। उसे झटके आने लगे और वह बेहोश हो गया। आनन-फानन परिवारीजन बच्चे को OPD में डॉक्टर के पास ले गए। डॉक्टरों ने उसे तुरंत भर्ती करने के लिए इमरजेंसी में भेज दिया। पिता विनोद कुमार का आरोप है कि इमरजेंसी में डॉक्टरों ने बच्चे को भर्ती करने से मना कर दिया। इस दौरान डॉक्टर व कर्मचारियों से बच्चे को भर्ती करने की गुज़ारिश की गई पर, सुनवाई नहीं हुई। बच्चे को लोहिया संस्थान रिफर कर दिया गया।

लोहिया संस्थान से KGMU भेजा गया

परिजन सुबह करीब 1130 बजे बच्चे को लेकर लोहिया संस्थान पहुंचे। डाक्टरों ने बच्चे को भर्ती कर इलाज शुरू किया। जरूरी जांचों के साथ सीटी स्कैन हुआ। इस दौरान बच्चे की हालत और गंभीर हो गई। उसे सांस लेने में दिक्कत बढ़ गई। जांच रिपोर्ट देख डॉक्टरों ने बच्चे को ट्रॉमा सेंटर ले जाने की सलाह दी। इमरजेंसी में प्राथमिक इलाज के बाद करीब एक बजे बच्चे को वेंटीलेटर की जरूरत बताकर ट्रॉमा सेंटर भेज दिया। एम्बुलेंस से परिजन बच्चे को लेकर ट्रॉमा सेंटर जा रहे थे, कि बच्चे ने रास्ते में ही दम तोड़ दिया। वहां पहुँचने पर डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। पिता विनोद का आरोप है SGPGI में बच्चे को भर्ती कर लेते तो बच्चे की जान न जाती।

क्या बोले जिम्मेदार –

SGPGI के निदेशक डॉ. आरके धीमन ने बताया कि मामला गंभीर है। जांच कराई जाएगी कि आखिर क्यों इमरजेंसी में भर्ती कर उपचार नही किया गया ?