(www.arya-tv.com) उत्तर प्रदेश में 2021 में हुई दरोगा भर्ती परीक्षा में धांधली कर पास होने वाले अब तक 57 स्टूडेंट्स पकड़े जा चुके हैं। इन आरोपियों ने परीक्षा पास करने के लिए ऑनलाइन कंप्यूटर ट्रिक्स का सहारा लिया। परीक्षा के लिए तय 2 घंटे में से शुरुआती 60 मिनट बैठे रहे, किसी सवाल का जवाब नहीं दिया गया। आखिर में महज 15 से 20 मिनट के भीतर पूरा पर्चा हल कर दिया। कुछ ने एक मिनट में 25 से 40 सवाल हल कर दिए। यूपी पुलिस भर्ती और प्रोन्नति बोर्ड पूरे मामले की तह तक जाने में जुटा है।
बोर्ड की ASP रश्मि रानी ने बताया कि 12 नवंबर 2021 से दो दिसंबर 2021 तक 9545 पदों पर ऑनलाइन परीक्षा हुई थी। ऑनलाइन परीक्षा में 2 घंटे में 160 प्रश्न हल करने थे। गड़बड़ी से पास हुए अभ्यर्थियों ने 150 से ज्यादा सवाल सही हल किए थे। इतने वक्त में प्रश्न पूरी तरह से पढ़ना भी संभव नहीं है, प्रश्नों का जवाब देना तो दूर की बात है। परीक्षा में 36,170 अभ्यर्थी सफल हुए थे।
ASP ने कहा- कैंडिडेट रिस्पॉन्स लॉग की चेकिंग में फंसे
ASP रश्मि रानी ने बताया कि लखनऊ पुलिस लाइन समेत प्रदेश के आठ मुख्यालयों पर अभ्यर्थियों के सत्यापन की प्रक्रिया चल रही थी। लखनऊ में 300 अभ्यार्थियों के कैंडिडेट रिस्पॉन्स लॉग यानी आंसर सीट को भरने में किसने कितना वक्त लिया और किन प्रश्नों के आंसर को बदला या छोड़ा आदि को चेक किया गया।
आंसर शीट के माइक्रो ऑब्जर्वेशन करने पर पता चला कि 40 लोगों ने काफी तेजी से पेपर हल किया, जो बिना किसी की मदद के हो ही नहीं सकता। इलेक्ट्रॉनिक डाटा का एनालिसिस करने पर पता चला कि उन्होंने शुरू में कोई प्रश्न हल नहीं किए। साथ ही अगले प्रश्न पर जाने के लिए कई गलत उत्तर पर टिक किया और आगे बढ़े।
दूसरे लोगों ने सॉल्व किया पेपर
इनके प्रश्न पत्र को अंतिम समय में हल किया गया और गलत उत्तर सही किए गए। शक होने पर सभी अभ्यर्थियों को पूछताछ के लिए बुलाया गया। इसमें सामने आया कि इन लोगों ने कंप्यूटर सेंटर संचालक की मदद से तकनीक का गलत इस्तेमाल किया, जिसमें उनके पेपर को किसी दूसरे ने अंतिम समय में हल कर दिया। लखनऊ के 40 अभ्यार्थियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। वहीं, अन्य जिलों के 17 अभ्यार्थियों को भी गिरफ्तार किया जा चुका है।
सहारनपुर और मैनपुरी में परीक्षार्थियों ने 15 मिनट में पूरा पेपर हल किया
पुलिस जांच में सामने आया कि किसी को शक न हो इसके लिए प्रश्न पत्र को नियमानुसार खोलने के लिए कुछ प्रश्नों का उत्तर देकर बढ़ गए। इन्हें बाद में साइबर एक्सपर्ट की मदद से सॉल्वर गैंग ने हल कर दिया। ASP रश्मि ने बताया कि सहारनपुर के गौरव पवार ने शुरू के 40 मिनट तक एक भी प्रश्न का उत्तर नहीं दिया। उसके बाद अचानक पूरा पेपर करीब 15 मिनट में ही हल हो गया।
इसी तरह मैनपुरी के रजत कुमार ने कई बार प्रश्न पत्र को खोलकर देखा और कई प्रश्नों के उत्तर दिए, बाद में उसके गलत प्रश्नों के उत्तरों को सही किया गया और अंतिम 20 मिनट में पूरा पर्चा हल किया गया।
एनी डेक्स साफ्टवेयर की मदद से हल हुए उत्तर
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, अभी तक की जांच में सामने आया है कि लाखों रुपए देकर पुलिस परीक्षा पास करने वाले अभ्यार्थियों के पर्चे एनी डेस्क सॉफ्टवेयर की मदद से हल किए गए। अभ्यार्थियों के कंप्यूटर को साफ्टवेयर एक्सपर्ट की मदद से दूसरे कमरे में बैठे सॉल्वर गैंग के लोगों ने ऑपरेट किया। इसके चलते इन अभ्यार्थियों का अंतिम समय में पेपर हल हुआ।
वहीं, गलत उत्तरों को सही किया गया। पुलिस विभाग की एक टेक्निकल टीम आगरा, मेरठ, गोरखपुर आदि सेंटर पर जांच पड़ताल के लिए लगाई गई है। साथ ही कंप्यूटर सेंटर संचालक और उनके यहां तैनात सॉफ्टवेयर इंजीनियर की भी धर-पकड़ कर बड़े खुलासे की तैयारी की जा रही है।