हजारों साल पुरानी तकनीक से ऐसे बदल सकते हैं अपना व्यक्तित्व

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कई सरकारी नौकरियों से लेकर बहुराष्ट्रीय कंपनियों में नौकरी तक के लिए उम्मीदवार के व्यक्तित्व की भी परख की जाती है। यही कारण है कि व्यक्तित्व विकास (Personality Development) के कोर्सेज की मांग तेजी से बढ़ी है। कई संस्थान तो इसके नाम पर छात्रों से मोटी रकम भी वसूलते हैं। लेकिन एक ऐसा शख्स है जो व्यक्तित्व विकास के लिए हजारों साल पुरानी तकनीक का इस्तेमाल कर रहा है। ये तकनीक लोगों को इतनी पसंद आ रही है कि इनके चाहने वालों की संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है।

इस शख्स का नाम है नवीन तोश्नीवाल। 51 साल के नवीन राजस्थान में जयपुर के रहने वाले हैं। वह एक केमिकल इंजीनियर रह चुके हैं। लेकिन अब पेशे से व्यापारी हैं। नवीन के कई शौक हैं। इन्हीं में से एक शौक है लोगों को उनका व्यक्तित्व बेहतर बनाने में मदद करना। लेकिन इस काम में सबसे खास चीज है नवीन की तकनीक।

क्या है वो तकनीक?
इस तकनीक को ग्राफो एनालिसिस (Grapho Analysis) के नाम से जाना जाता है।
नवीन बताते हैं कि यह तकनीक 2000 ईसा पूर्व की है। ये वो समय था जब ग्रीक फिलॉसोफर एरिस्टॉटल ने इंसान के दिमाग और उनकी लिखावट (Handwriting) के बीच का रिश्ता ढूंढा था।
लेकिन इस तकनीक को कुछ दशक पहले से ही लोगों ने जानना शुरू किया।
कैसे काम करती है ये तकनीक?
नवीन बताते हैं कि ‘हैंडराइटिंग एक तरह से माइंड राइटिंग है’। हमारी लिखावट कागज पर हमारे अवचेतन मन (Sub Conscious mind) की छवि उकेरती है। इसलिए लिखावट के तरीके में होने वाले सामान्य से बदलाव से भी हम अपने अवचेतन मन में वो बदलाव ला सकते हैं जो हमें अपने व्यक्तित्व या चरित्र में चाहिए।
कोई शख्स अगर तीन से चार हफ्तों तक रोजाना 5-7 मिनट इन छोटे व सामान्य बदलावों की प्रैक्टिस करे, तो उसके व्यक्तित्व में भी बदलाव जरूर आएगा।
आपकी लिखावट क्या बताती है?
नवीन ने बताया कि किसी इंसान की लिखावट से उसकी बुद्धिमत्ता, दृढ़ निश्चय, इच्छाशक्ति, रचनात्मकता, एकाग्रता, सृजनशीलता समेत कई अन्य क्षमताओं का पता लगाया जा सकता है। ये सभी चीजें मिलकर बता देती हैं कि किसी शख्स का चरित्र व व्यक्तित्व कैसा है।

नवीन को इस तकनीक के विस्तृत इस्तेमाल के लिए इंडियन स्कूल ऑफ बिजनेस (ISB) हैदराबाद से इसी साल अगस्त में प्रशंसा पत्र भी मिल चुका है। वह प्रबंधन के छात्रों समेत अन्य नौकरीपेशा लोगों को भी इसका प्रशिक्षण देते हैं।