हम मिले ये जरूरी नहीं दिल से दिल मिले तो हो ईद मुबारक

बरेली।(www.arya-tv.com) फिजा में रंगत अलग सी मिली हुई है खुशबू जानी पहंचानी सी हुई है हालात के मद्देनजर जब किसी शायर का दिल दुखा तो उसने अवाम के दर्द को शेर में बयां कर दिया। ऐसी ही गजल की दो पंक्तियां 33 साल पहले मेरठ में दंगों के बाद डॉ. बशीर बद्र ने लिखी। जब-जब … Continue reading हम मिले ये जरूरी नहीं दिल से दिल मिले तो हो ईद मुबारक