बाराबंकी। कहते हैं डाक्टर भगवान का रूप होता है। अगर उसने सच्चे भाव से मरीज पर हांथ रख दिया तो उसकी जिंदगी बढ़ जाती है। एक ऐसा ही मामला सामने आया है बाराबंकी से।
बाराबंकी के रामसनेहीघाट के पोयनी गांव की रहने वाली निशा को रविवार को कोवरा सर्प ने डस लिया। महज 10 वर्ष की निशा की हालत जब बिगड़ी तो परिवार के लोग उसे सीएचसी वनीकोडर ले गए।
उसकी उंगली में कोबरा ने चार बार काटा था। मौके पर मौजूद सीएचसी अधीक्षक डॉ. संदीप तिवारी के नेतृत्व में डॉ. अमरेश वर्मा व युसूफ मोवीन ने इलाज शुरू किया। डॉक्टरों निशा को 27 मिनट में 73 एंटी स्नैक वेनम इंजेक्शन लगाकर उसकी जान बचा ली।
डॉ तिवारी ने बचाता किया बच्ची को शुरुआत में होश नहीं आया। इसके बाद उसको लगातार एएसवी की डाज दी गई। 52 डोज देने के बाद उसे होश आया। डॉ तिवारी ने बताया कि उनकी सर्विस में यह पहला मामला जब इतनी डोज डेनी पड़ी हो।
डॉक्टर ने बताया कि कहा जाता है कि कोबरा के एक बार डसने से 10 हांथियों की मौत हो सकती है। बहरहाल बच्ची की जान बच गई वहीं ग्रामीणों ने एक सपेरे को बुलाकर सर्प को पकड़वा भी दिया।