यूपी पुलिस का ‘ऑपरेशन पाताल लोक’:5 साल में पुलिस की गोली से ढेर हुए 172 बदमाश

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(www.arya-tv.com) “ये नया उत्तर प्रदेश है, ये नई पुलिस है, अपराधियों को पाताल लोक से खोजकर गोली मारेगी।” ये शब्द यूपी के DGP डीएस चौहान के हैं। 21 नवंबर 2022 को वाराणसी में दो अपराधियों का एनकाउंटर करने के बाद उन्होंने ये बयान दिया था। नए उत्तर प्रदेश का जिक्र सबसे ज्यादा एनकाउंटर के बाद ही हुआ था। सीएम योगी आदित्यनाथ भी अक्सर अपराधियों को सजा देने के मामले में इस शब्द का जिक्र करते हैं।

यूपी पुलिस ने पिछले 52 दिन में 6 अपराधियों को एनकाउंटर में ढेर कर दिया। पिछला एनकाउंटर कल यानी 11 जनवरी को आगरा में किया।

सबसे अधिक मेरठ जोन में मारे गए बदमाश
पुलिस ने बताया कि पिछले 5 सालों में 172 अपराधियों की मौत पुलिस की गोली से हुई है। 2023 के 11 दिनों में ही 4 बदमाश मारे गए। कुल मारे गए बदमाशों में मेरठ जोन के सबसे अधिक 67 अपराधी मारे गए। मुठभेड़ के दौरान 4562 आरोपी पुलिस की गोली से घायल होकर अस्पताल पहुंचे। 1375 पुलिसकर्मी घायल हुए। पुलिस के 13 सिपाहियों की जान गई।

8 बदमाशों पर था 2 लाख से अधिक का इनाम
पुलिस ने जिन 172 अपराधियों को मारा है उसमें 35 ऐसे अपराधी शामिल थे जिन पर पहले से कोई भी इनामी राशि घोषित नहीं थी। जबकि 8 ऐसे बदमाश थे जिनके ऊपर 2 लाख रुपए से अधिक की इनामी राशि घोषित थी। सबसे ज्यादा इनाम कानपुर के बदमाश विकास दुबे और चित्रकूट के गौरी यादव पर था। दोनों पर 5-5 लाख के इनाम थे।

जवाबी फायरिंग में मारे गए अपराधी
जिन 172 अपराधियों का एनकाउंटर हुआ है उसमें करीब 80 ऐसे मामले हैं जिसका पैटर्न एक जैसा है। मुखबिर की सूचना के बाद पुलिस आरोपी को चारों तरफ से घेर लेती है। इसके बाद आरोपी पुलिस पर फायरिंग कर देता है और जवाबी फायरिंग में मारा जाता है।

दूसरा जो सबसे अधिक मामला सामने आया है उसमें अपराधी सिपाही की पिस्टल छीनकर भागने की कोशिश करता है, पुलिस उसे रोकने की कोशिश करती है लेकिन वह रुकता नहीं, जिसके बाद पुलिस गोली चला देती है और आरोपी मारा जाता है।

दूसरे कार्यकाल के 100 दिन में ही 525 एनकाउंटर
योगी सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल के 100 दिन पूरे होने पर एनकाउंटर का डेटा दिया था। बताया कि 25 मार्च से 1 जुलाई 2022 के बीच पुलिस ने 525 एनकाउंटर किए। इसमें 1034 अपराधी गिरफ्तार किए गए। 425 बदमाशों के पैर में गोली लगी। मुठभेड़ में 68 पुलिसवाले भी घायल हुए।

सबसे बड़े बदमाश का एनकाउंटर सबसे ज्यादा विवादित
कानपुर के बिकरू में 3 जुलाई 2020 को गैंगस्टर विकास दुबे के घर दबिश देने गए पुलिस पर हमला हो गया। 8 पुलिसवालों की निर्मम हत्या कर दी गई। घटना को अंजाम देने के बाद विकास दुबे अपने साथियों के साथ फरार हो गया। पुलिस की 6 टीमें पीछे लगा दी गईं। पहले 50 हजार, फिर 1 लाख, फिर 2 लाख और आखिर में 5 लाख रुपए का इनाम घोषित कर दिया गया। पुलिस ने विकास के 3 साथियों को मार गिराया, लेकिन विकास 6 दिन तक नहीं मिल सका था।

9 जुलाई 2020, पुलिस को खबर लगी कि विकास दुबे उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में मौजूद है। एमपी पुलिस ने मुस्तैदी दिखाई और गिरफ्तार कर लिया। शाम को यूपी की स्पेशल पुलिस पहुंची तो एमपी पुलिस ने विकास को सौंप दिया। यूपी पुलिस विकास को सड़क के रास्ते वहां से लेकर निकलती है। रात में पुलिस की गाड़ी पलट जाती है। विकास साथ बैठे सिपाही का हथियार लेकर भागने की कोशिश करता है और फिर पुलिस के बाकी सिपाही उसे मार देते हैं।

“ये कार नहीं पलटी, राज खुलने से सरकार पलटने से बच गई”
10 जुलाई की सुबह एनकाउंटर की खबर मिली तो नेताओं ने प्रतिक्रिया देना शुरू किया। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने लिखा, “दरअसल ये कार नहीं पलटी है, राज खुलने से सरकार पलटने से बचाई गई है।” कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने तब लिखा था, “कई जवाबों से अच्छी है खामोशी उसकी, न जाने कितने सवालों की आबरू रख ली।” बसपा प्रमुख मायावती ने एनकाउंटर की सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में निष्पक्ष जांच की मांग की।

बाद में सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज बीएस चौहान के नेतृत्व में जांच हुई। पुलिस को क्लीन चिट मिल गई। कमेटी को फर्जी एनकाउंटर का कोई साक्ष्य नहीं मिला।

पुलिस पर फायर करके भागा और मारा गया
ताजा एनकाउंटर 11 जनवरी को आगरा में हुआ। 50 हजार का इनामी गैंगस्टर विनय श्रोत्रिय 13 जुलाई 2022 को पेशी के दौरान पुलिस पर फायर करके भाग गया। पुलिस दिल्ली-मुंबई तक खोजती रही पर मिला नहीं। 11 जनवरी की सुबह मुखबिर से सूचना मिली। एसटीएफ ने घेर लिया। विनय ने फायरिंग कर दी और जवाबी फायरिंग में मारा गया। विनय के खिलाफ 50 मामले दर्ज थे।

3 जनवरी को पुलिस ने दो एनकाउंटर एक जैसे किए
3 नवंबर 2022 को बुलंदशहर में नामी बदमाश आशीष और अब्दुल ने ज्वैलरी की दुकान में लूट की। ज्वैलर अरविंद को गोली मारी और 11 लाख रुपए के सोने-चांदी के गहने लूटकर फरार हो गए। पुलिस ने ठीक 2 महीने बाद यानी 3 जनवरी को दोनों बदमाशों को ढेर कर दिया। ये दोनों एनकाउंटर 35 किलोमीटर की दूरी पर एक ही समय पर हुए। दोनों की बाइक को चेक पोस्ट पर रोका गया। दोनों ने बाइक रोकने के बजाय भागने की कोशिश की और दोनों मारे गए।